आज भाई Meer Mushtaq की फेसबुक पर एक पोस्ट पढ़ ही जिससे दिल बहुत ख़ुश हुआ और उस खुशी में मैंने उन्हें रूहानी इल्म में से एक मोती अता किया। नीचे भाई मीर मुश्ताक़ की पोस्ट एक इमेज की शक्ल में है और उस पर मैंने जो कमेंट किया है, वह टेक्स्ट की शक्ल में दर्ज है। देखें:
खेत में रहो तो बरकत की नीयत से
1.सूरह कौसर पढ़ते रहो
और
2. खेत में बहुत अधिक बहुत अधिक फ़सल देखते रहो कि सारी दुनिया के ठेकेदार और सारी दुनिया की मशीनें इन खेतों की फ़सल काट रही हैं और उस फ़सल को सारी दुनिया में बेचा और फ़्री बांटा जा रहा है।
आख़िर में शुक्र करो अल्लाह ने आपको ज़यादा फ़सल और बड़ा दिल दिया।
ऐसा करते रहो, करते रहो।
यह बरकत का अमल है और अपनी नस्ल को भी यह सिखा देना,
जैसे उसे हाथ मुंह धोना सिखाते हो।
रब उन्हें भर भर कर देगा।
जब कीटनाशक छिड़को तो कीटों के रूप में उन मनहूस शक्लों को देखो जो मुहब्बत की फ़सल को चाट रहे हैं।
इससे आपका दिल जान लेगा कि
आप क्या चाहते हैं और वह उसे क़ानूने क़ुदरत के तहत नेचुरली घटित कर देगा।
हे मीर! आज से खुल गई तेरी तक़दीर क्योंकि मैंने वेद, गीता, बाईबिल, क़ुरआन और सूफियों की तालीम में बरकत और फ़तह से नई सृष्टि के इस परम दिव्य गुप्त योग का प्रयोग दैवीय संयोग से पढ़ा है।
'सा विद्या या विमुक्तये'
विद्या वही है जो मुक्ति दे।
यह विद्या आपको मुक्ति देगी।
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