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Allahpathy:THE BLESSING MONEY BAG THAT WOULD HELP EVERYONE TO BE RICH IN THE MONTH OF RAMADAN

By Hazrat Hakeem Mohammad Tariq Mahmood Chughtai Dear Readers! I Bring to you precious pearls and do not hide anything, you shou...

Thursday, October 25, 2018

Allahpathy for Depression & Stress by Dr. Anwer Jamal



डिप्रेशन और तनाव मिटाने के लिए
1. क़ुदरती सीन देखें और
2. अल्लाह ने क़ुरआन में क़ुदरत का जो बयान किया है, उन आयतों को 'तवज्जो' के साथ पढ़ें.
#wellness_series 6
🌴🌴🌴🌳🌳🌳
Studies have shown that just looking at a natural green environment can boost one’s spirits.
There’s a whole branch of psychology called eco-psychology devoted to the mental benefits of nature.
💚
ज़्यादा जानकारी यहाँ से लें:

Friday, October 12, 2018

Consciousness of Love and Allama Iqbal by Dr. Anwer Jamal

प्रेम: इस कलेक्शन की ज़रूरत और ख़ासियत
अल्लामा इक़बाल रहमतुल्लाहि अलैह की शायरी में आपके मसले का हल मौजूद हैं क्योंकि अल्लामा ने इसमें क़ानूने कुदरत और ख़ुदी का भरपूर बयान किया है।

हरेक इंसान क़ानून का पाबन्द है क्योंकि यह पूरा यूनिवर्स क़ानून का पाबन्द है। इस क़ानून को क़ानूने कुदरत (Natural Laws) कहते हैं। यह क़ानून आँख से नज़र नहीं आता क्योंकि क़ानून आँख से नज़र नहीं आ सकता लेकिन ज़मीन के हर हिस्से पर क़ानून के असर को देखा जा सकता है। उसी असर को देखकर क़ानून को पहचाना जाता है, जैसे कि एक कुदरती क़ानून है-
'जैसा बोना, वैसा काटना'
यह क़ुदरती नियम पेड़ों की तरह इंसानों पर भी असर डालता है। ईसा मसीह अलैहिस्सलाम ने कहा है-
'हर पेड़ अपने फल से ही जाना जाता है।'
मुझे इस क़ानून की रौशनी में लोगों को पहचानने और उनसे मामला करने में बहुत मदद मिलती है।
अल्हम्दुलिल्लाह!
देखें पवित्र क़ुरआन 5:46 कहता है-
'और हमने उसे इन्जील प्रदान की, जिसमें मार्गदर्शन और प्रकाश था।'
🌿🌹🌿
दो क़िस्म के फल
“कोई भी ऐसा उत्तम पेड़ नहीं है जिस पर बुरा फल लगता हो। न ही कोई ऐसा बुरा पेड़ है, जिस पर उत्तम फल लगता हो। हर पेड़ अपने फल से ही जाना जाता है। लोग कँटीली झाड़ी से अंजीर नहीं बटोरते। न ही किसी झड़बेरी से लोग अंगूर उतारते हैं। एक अच्छा मनुष्य उसके मन में अच्छाइयों का जो खजाना है, उसी से अच्छी बातें उपजाता है। और एक बुरा मनुष्य, जो उसके मन में बुराई है, उसी से बुराई पैदा करता है। क्योंकि एक मनुष्य मुँह से वही बोलता है, जो उसके हृदय से उफन कर बाहर आता है।
इंजीले लूका 6:43-45
📚
अल्लामा इक़बाल रहमतुल्लाहि अलैह का कलाम पढ़कर आप उनकी शख़्सियत को पहचान सकते हैं। हिन्दी जानने वाले बहुत कम लोग उनके कल्याणकारी (फ़लाही) संदेश की गहराई को समझ पाते हैं।
अल्लामा इक़बाल का मैसेज वही है, जो पवित्र क़ुरआन का मैसेज है लेकिन उन्होंने बहुत से दार्शनिकों से जो फ़ायदा उठाया है और उनकी ग़लतियों का जो सुधार किया, वह इंसान की सोच को बहुत निखार देता है।
आज बहुत सी संस्कृतियों के लोग आपस में रोज़ मिलते हैं। सबके विचार और कर्म अच्छे हों, इसके लिए हमें अच्छे लोगों के अच्छे विचारों को सबके सामने लाने की ज़रूरत है। इसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए यह संकलन आपकी खिदमत में पेश किया जा रहा है। इस कलेक्शन में शामिल आर्टिकल्स की खासियत यह है कि
1. आपको रब के क़ुदरती कानूनों के बारे में जानना शुरू करेंगे, जिनसे काम लेकर आप अपनी बीमारी भगाने और दौलत बढ़ाने से लेकर हर तरह के काम में कामयाबी पा सकते हैं।
2. आपको अल्लामा इक़बाल के बारे में कुछ ऐसा पता चलेगा, जो आप पहले न जानते थे।
3. जब आप इस किताब में बताए गए क़ानून के मुताबिक़ ख़ुद को एक नए सेल्फ़ कान्सेप्ट में ढालेंगे तो आप जीते जी एक नया जन्म पा लेंगे। जिसका मज़ा आपको फ़ौरन मिलेगा।
4. आपमें आकर्षण शक्ति (Attraction Power) बहुत ज़्यादा बढ़ जाएगी। जो आपको घरेलू रिश्तों, नौकरी और कारोबार में बहुत कामयाबी दिलाएगी।
5. आप पहली बार महसूस करेंगें कि रब के सिवा आप पर हालात का या किसी दुश्मन का कोई ज़ोर हक़ीक़त में नहीं है।
6. आप इस किताब के आर्टिकल्स को याद कर लेंगे तो आप अपनी बातचीत में लोगों को क्रिएटिव जानकारी दे सकेंगे।
7. आप बुरे लोगों को पहचान कर उनसे बच सकेंगे औरआप बहुत लोगों को डिप्रेशन और निगेटिव विचारों से बचना सिखा सकेंगे।
8. आप इस राह में ख़ुद और आगे बढ़े तो आप एक लाईफ़ कोच और कल्याण गुरू बन जाएंगे। ऐसे लोगों को हर जगह सब लोग सम्मान देते हैं और उनकी बात मानते हैं।
9. सब लोग उस आदमी की बात मानते हैं, जो उन्हें प्रेम करता है और उन्हें उनकी प्राब्लम का सौल्युशन देता है।
10. यह छोटी सी किताब आपको लीडर बनाती है, शर्त बस यही है कि आप इस किताब को समझें और इसमें बताए गए क़ुदरत क़ानून पर चलें।

अल्लामा इक़बाल एक बहुत मशहूर शख़्सियत हैं। उनका एक सबसे ज़्यादा मशहूर शेर यह है-

ख़ुदी को कर बुलन्द इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बन्दे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है

इस एक शेर में अल्लामा इक़बाल ने व्यक्ति और समाज की हर बीमारी का इलाज भी किया है और ख़ुदी, चेतना का वह बुनियादी नियम भी बयान कर दिया है, जिसे ठीक से समझ लिया जाए तो इन्सान अपनी हर जायज़ मुराद को ज़्यादा आसानी से पा सकता है। अल्लामा इक़बाल का पूरा कलाम इंसान को उन बातों की तालीम से भरा हुआ है, जिनसे ख़ुदी बुलन्द होती है। 
कोई भी अल्लामा इक़बाल की तालीम में बताई गई सारी बातों पर एकदम नहीं चल सकता। अब अगर कोई आम आदमी यह जानना चाहे कि वह किस बात से अपने अमल की शुरुआत करे तो उसे उनकी शायरी में यह बात तलाश करनी बहुत मुश्किल है।
ज़्यादातर लोग कलामे इक़बाल को शायरी समझने की ग़लती करते हैं जबकि अल्लामा ने उसमें क़ुदरत के कल्याणकारी नियमों का राज़ बयान किया है। अपने कलाम की हक़ीक़त बयान करते हुए अल्लामा इक़बाल कहते हैं-
मेरी नवाए परीशाँ को शायरी न समझ
कि मैं हूँ महरमे राज़े दरूने मैख़ाना
आज अल्लामा इक़बाल के कलाम से हर धर्म और संस्कृति के लोगों को फ़ायदा पहुंचाना है तो उनकी तालीम को ऐसे स्टेप्स में बांटने की ज़रूरत है कि हरेक उस पर चल सके और उससे फ़ायदा उठा सके। इसके लिए अल्लामा इक़बाल के कलाम से  सबसे पहले उस एक गुण का पता करना ज़रूरी है, जिसे अपने अंदर बढ़ाया जाए तो उससे ख़ुदी फ़ौरन बुलन्द हो जाए और उसका फ़ायदा भी उसी पल से मिलना शुरू हो जाए।

इंसानी नफ़्सियात और क़ानूने क़ुदरत की बरसों की स्टडी और अपने तजुर्बात की बुनियाद पर अगर मैं सबको अल्लामा इक़बाल की तालीम में से उस एक गुण की पहचान कराना चाहूँ तो यक़ीनन वह गुण प्रेम का गुण है। अल्लामा इक़बाल ने 'बाँगे दरा' में मुहब्बत पर 'मुहब्बत' के नाम से ही बहुत उम्दा कलाम आता किया है।

محبت

عروس شب کی زلفيں تھيں ابھی نا آشنا خم سے
ستارے آسماں کے بے خبر تھے لذت رم سے

قمر اپنے لباس نو ميں بيگانہ سا لگتا تھا

نہ تھا واقف ابھی گردش کے آئين مسلم سے
ابھی امکاں کے ظلمت خانے سے ابھری ہی تھی دنيا
مذاق زندگی پوشيدہ تھا پہنائے عالم سے
کمال نظم ہستی کی ابھی تھی ابتدا گويا
ہويدا تھی نگينے کی تمنا چشم خاتم سے
سنا ہے عالم بالا ميں کوئی کيمياگر تھا
صفا تھی جس کی خاک پا ميں بڑھ کر ساغر جم سے
لکھا تھا عرش کے پائے پہ اک اکسير کا نسخہ
چھپاتے تھے فرشتے جس کو چشم روح آدم سے
نگاہيں تاک ميں رہتی تھيں ليکن کيمياگر کی
وہ اس نسخے کو بڑھ کر جانتا تھا اسم اعظم سے
بڑھا تسبيح خوانی کے بہانے عرش کی جانب
تمنائے دلی آخر بر آئی سعی پيہم سے
پھرايا فکر اجزا نے اسے ميدان امکاں ميں
چھپے گی کيا کوئی شے بارگاہ حق کے محرم سے
چمک تارے سے مانگی ، چاند سے داغ جگر مانگا
اڑائی تيرگی تھوڑی سی شب کی زلف برہم سے
تڑپ بجلی سے پائی ، حور سے پاکيزگی پائی
حرارت لی نفسہائے مسيح ابن مريم سے
ذرا سی پھر ربوبيت سے شان بے نيازی لی
ملک سے عاجزی ، افتادگی تقدير شبنم سے
پھر ان اجزا کو گھولا چشمۂ حيواں کے پانی ميں
مرکب نے محبت نام پايا عرش اعظم سے
مہوس نے يہ پانی ہستی نوخيز پر چھڑکا
گرہ کھولی ہنر نے اس کے گويا کار عالم سے
ہوئی جنبش عياں ، ذروں نے لطف خواب کو چھوڑا
گلے ملنے لگے اٹھ اٹھ کے اپنے اپنے ہمدم سے
خرام ناز پايا آفتابوں نے ، ستاروں نے
چٹک غنچوں نے پائی ، داغ پائے لالہ زاروں نے


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Transliteration
Uroos-e-Shab Ki Zulfain Theen Abhi Na-Ashna Kham Se
Sitare Asaman Ke Be-Khabar The Lazzat-e-Ram Se




Qamar Apne Libas-e-Nawa Mein Begana Sa Lagta Tha
Na Tha Waqif Abhi Gardish Ke Aaeen-e-Muslim Se




Abhi Imkan Ke Zulmat Khane Se Ubhri Hi Thi Dunya
Mazaq-e-Zindagi Poshida Tha Pehnaye Alam Se




Kamal-e-Nazam-e-Hasti Ki Abhi Thi Ibtada Goya
Haweda Thi Nagine Ki Tamanna Chashme-e-Khatam Se




Suna Hai Alam-e-Bala Mein Koi Keemiya-Gar Tha
Safa Thi Jis Ki Khak-e-Pa Mein Barh Kar Saghir-e-Jam Se




Likha Tha Arsh Ke Paye Pe Ek Ikseer Ka Nuskha
Chupate The Farishte Jis Ko Chashm-e-Rooh-e-Adam Se




Nigahain Taak Mein Rehti Then Lekin Keemiya-Gar Ki
Woh Iss Nuskhe Ko Barh Kar Janta Tha Ism-e-Azam Se




Barha Tasbeeh Khawani Ke Bahane Arsh Ki Janib

Tamanna-e-Dili Akhir Bar Ayi Saee-e-Peham Se


Phiraya Fikr-e-Ajza Ne Use Maidan-e-Imkan Mein
Chupe Gi Kya Koi Shay Bargah-e-Haq Ke Mehram Se



Chamak Tare Se Mangi, Chand Se Dagh-e-Jigar Manga
Urhayi Teergi Thori Si Shab Ki Zulf-e-Barham Se




Tarap Bijli Se Payi,Hoor Se Pakeezgi Payi
Hararat Li Nafashaye Maseeh-e-Ibn-e-Mariam (A.S.) Se




Zara Si Phir Rabubiat Se Shan-e-Be-Niazi Li
Malak Se Ajazi, Uftadgi Taqdeer-e-Shabnam Se




Phir In Ajza Ko Ghola Chasma-e-Hewan Ke Pani Men
Marakkab Nemohabbat Naam Paya Arsh-e-Azam Se




Muhwish Ne Ye Pani Hasti-e-Naukhaiz Par Chirka
Girah Kholi Hunar Ne Uss Ke Goya Kaar-e-Alam Se




Huwi Junbish Ayan, Zarron Ne Lutf-e-Khawab Ko Chora
Gile Milne Lage Uth Uth Ke Apne Apne Humdam Se


Kharaam-e-Naaz Paya Aftabon Ne, Sitaron Ne

Chatak Ghunchon Ne Payi, Dagh Paye Lala-Zaron Ne
(....जारी)

दुरूदो सलाम के दुनियावी फ़ायदे Dr. Anwer Jamal

*Durood o Salam ke duniyawi Fayde*
According to Wellness Science
💖
नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर उनकी की आल औलाद पर रहमत, बरकत और सलामती भेजने से वह रब के नियम से पलटकर आती है और जब पलटती है तो कम से कम दस गुना बढ़कर पलटती है। जब रहमत, बरकत और सलामती पलटकर भेजने वाले की तरफ़ आती है तो उसका कल्याण हो जाता है। आप दूसरों को जो दुआ देते हैं, वह आपकी ज़िन्दगी में भी ख़ुद ब ख़ुद रब के नियम से पूरी होती है।
अल्हम्दुलिल्लाह।
आजकल गुजरात से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के मज़दूरों और कामगारों को यह सोचकर भगाया जा रहा है कि उनके बच्चों के मुंह से निवाला छीनकर हम अपने बच्चों को खिलाएंगे। यह ग़लत नज़रिया है।
हरेक धर्म संस्कृति में बच्चे रब की नेमत माने जाते हैं। रब ने  बच्चों को पेट दिया है तो उन्हें कमाने के लिए बुद्धि और हाथ पैर भी दिए हैं। रब का शुक्र है। बच्चे गुजराती हों या बाराती, उन्हें इस धरती पर खाने और खेलने दो। सब धर्म के लोगों को दुरूदो सलाम के दुनियावी फ़ायदे पता चल जाएं तो सब धर्म वाले दुरूद पढ़ने लगें। सबके दिलों से तंगी दूर हो जाएगी। सबके हाथ में अपनी ख़ुशी का रिमोट आ जाएगा।

🌿
Muhammad Abdullah: Sir durood salaam k duniyaabe faayda 
Isko thoda explain krdnege???

Dr. Anwer Jamal: Universal Law hai ki
Energy ek form se dusri form me transfer hoti hai.
Aapke word energy ki ek form hai jo roop badal kar aapki life ki situations banti hain.
Jab aap rahmat barkat salamati ke words muhabbat ke sath bolte hain to aap energy ko ek design aur mould se guzarte hain aur phir woh energy materialize hokar aapki life me rahmat barkat aur salamati aur muhabbat ki situations banti hain.
Is tarah har insan apne achche words aur feelings se apni life me haalaat pata hai.
Isiliye universal law hai ki
Jaisa bona waisa kaatna.

(Ye Facebook Friends ki 2 posts par mere 2 Comments Hain. Yahan dono ko jama Kar Diya hai.)

Monday, September 24, 2018

Paradigm Shift for Health, Wealth & Happiness

💚🕋💚
*Paradigm*
Aasaan aur mukhtasar taur par paradigm Soch ka sancha hai, jisme universal energy dhalti hai to zindgi ki situations Banti Hain.
Kokh me aane ke sath hi Jo informations bachche ke brain ko jati Hain unse neurones bante Hain aur Soch Ka sancha banta hai.
Us Soch me tauheed aur shirk, Ameeri Ghareebi, sehat aur beemari har baat ke baare me 'Belief' shamil hain.
6 Saal ki age tak bachche Ka 80% paradigm taiyyar ho jata hai.
Raj parivar Ka bachcha
Businessman Ka bachcha
Kisaan Ka bachcha
Mazdoor Ka bachcha
Harek Ka alag paradigm taiyyar ho chuka hai.
Ab sab wohi ban chuke Hain Jo datas unke mind me feed Kiya Gaya hai.
20% data baad tak feed hota rahta hai. Ye beliefs hi unke mental attitude aur behaviour ko control karte. Phir unke kaamon ke results unke saamne hote Hain. Jaisa unka paradigm hota hai, waise hi unke kaam aur anjaam hote Hain.

Limiting Beliefs
Ham isse unconscious rahte Hain ki
Hamari life ko hamara paradigm control Kar Raha hai.
Aur hamara paradigm hamari society ne culture ke mutabiq set aur limited Kar Diya hai.
Ye limitations hi dukh deti Hain. Ye limitations Hamare 'Limiting Beliefs' se aa rahi hain, Jo hamari growth ko rokte Hain.

Apne Paradigm me alteration karke har insan Apni life me dukh aur hadso ko, nagawar bato ko Kam Kar Sakta hai. Har insan Khush rah Sakta hai aur grow Kar Sakta hai.

Iske liye har insan ko Apne Limiting Beliefs se aur Negative Emotions ko check karke change Karna Hoga.

Aajkal Wellness Sciences me harek Limiting Belief ko alag alag badalne par zor Diya jata hai, joki kafi waqt Lene wali process hai.

Nabiyon ne Dil par rule Karne wale Sare Limiting Beliefs aur Negative Emotions ka ilaaj ''LA ILAHA ILLALLAH" ke kalime ko Poori awareness aur zyada se zyada Muhabbat se bolne aur Qubool Karne ko bataya hai.

Resistance
Jab aap aisa karte Hain to aap apne nafs ko society ki set ki hui limitations se Aazaad Karne Lagte Hain, jinki aapko aadat hai. Aapko Apne andar se aur bahar society me dono taraf se resistance Ka samna Karna padta hai. Isme Apne mission par date rahne ki zururat padti hai.
Jab aap nayi aadat Bana lete Hain to andar aur bahar Ka tesistares weak pad jata hai aur aap Ghalib aa jaate Hain. Yh aapki fateh hai.

Health, Wealth & Happiness
Aap Health, Wealth aur Happiness ke field me bhi is usool ko apply karke Apni Health, Wealth aur Happiness Ka level badha sakte Hain.

Modelling
Saare Nabi Falah (wellness) ke behatreen Models Hain. Allah Holy Quran me Ibraheem alaihissaAla ko aur Nabi Muhammad sallallahu alaihi wasallam ko sari insaniyat ki wellness ke liye ideal models bataya hai.
1. قَدْ كَانَتْ لَكُمْ أُسْوَةٌ حَسَنَةٌ فِي إِبْرَاهِيمَ وَالَّذِينَ مَعَهُ
There is a goodly pattern for you in Abraham and those with him... -Qur'an 60:4

2. لَّقَدْ كَانَ لَكُمْ فِي رَسُولِ اللَّـهِ أُسْوَةٌ حَسَنَةٌ
Verily in the messenger of Allah ye have a good pattern ... -Qur'an 33:21

Ibraheem alaiAlaihiss ne aur Nabi Muhammad sallallahu alaihi wasallam ne jis Tarah logo Ka aur society Ka paradigm change Kiya hai, wh aaj bhi sabke saamne maujood hai. Allah ne unhe zindgi ke har pahlu me Jo Falah, Kalyan, wellness di hai, Woh aise Kisi aadmi ko Kabhi Nahi Mili, Jo unke tareeqe ke khilaaf Chala. Aaj Duniya me jitne bhi wellness coach logo ko solution de rahe Hain, unhone Nabiyon ki education se hi universal laws seekhe Hain.

Aap is Duniya me Apne liye Jo bhi bhalayi Pana chahte Hain, uski rukawat Aapke Apne andar, Apne paradigm me hai. Aap Nabiyon ki Hikmat (wisdom) se kaam lekar ise badal sakte Hain. Iske baad jab aap Uske mutabiq physical world me smart work karenge to Allah ke Qanun ke mutabiq aap  apna goal achieve Karne me Aapka mind aur Universe aapko support karega.


Sunday, September 16, 2018

Higher State of Mind

Higher State of Mind वाले लोग दुनिया के पैमाने में ख़ुद को नहीं ढालते बल्कि वे अपने असल मक़सद को पहचानते हैं।
मिस्र के मशहूर आलिम और अदीब शैख़ अली तन्तावी रहमतुल्लाहि अलैह एक जगह बड़ी क़ीमती बात कहते हैं।

शैख़ तन्तावी फ़रमाते हैं:
जो लोग हमें नहीं जानते उनकी नज़र में हम आम हैं।

जो हम से हसद (jealousy) रखते हैं उनकी नज़र में हम मग़रूर हैं।

जो हमे समझते हैं उनकी नज़र में हम अच्छे हैं।

जो हमसे मुहब्बत करते हैं उनकी नज़र में हम ख़ास हैं।

जो हमसे दुश्मनी रखते हैं उनकी नज़र में हम बुरे हैं।

हर शख़्स का अपना एक अलग नज़रिया और देखने का तरीक़ा है।

लिहाज़ा दूसरों की नज़र में अच्छा बनने के पीछे अपने आप को मत थकाइये।

अल्लाह आप से राज़ी हो जाए यही आप के लिए काफ़ी है।

लोगों को राज़ी करना ऐसा मक़सद है जो कभी पूरा नहीं हो सकता,

अल्लाह को राज़ी करना ऐसा मक़सद है जिस को छोड़ा नहीं जा सकता,

तो जो चीज़ मिल नहीं सकती उसे छोड़ कर वह चीज़ पकड़िये जिसे छोड़ा नहीं जा सकता !!

Sunday, September 9, 2018

Ayyubpathy कैंसर का इलाज क़ुरआन और पानी से, नीयत और ख़ुशी के साथ

यह आज साइंटिफ़िक फ़ैक्ट है कि
1. पानी एक best natural medicine है।
2. और यक़ीन भी हेल्दी होने में मदद करता है।
सभी हकीम डॉक्टर पानी से इलाज करते हैं। हरेक दवा का सबसे ज़्यादा हिस्सा पानी होता है। पानी के बिना किसी दवा का वुजूद मुमकिन नहीं है।

Dr. Anwer Jamal
Tibbe Nabawi
email:allahpathy@gmail.com

*Hydropathy* को मैं *Ayyubpathy* कहता हूं क्योंकि पवित्र क़ुरआन में है कि 
नबी अय्यूब अलैहिस्सलाम ‌अल्लाह के हुक्म से शिफ़ा के यक़ीन के साथ पानी पी कर ही हेल्दी हुए थे।
وَأَيُّوبَ إِذْ نَادَىٰ رَبَّهُ أَنِّي مَسَّنِيَ الضُّرُّ وَأَنتَ أَرْحَمُ الرَّاحِمِينَ ﴿٨٣ فَاسْتَجَبْنَا لَهُ فَكَشَفْنَا مَا بِهِ مِن ضُرٍّ
और अय्यूब पर भी दया दर्शाई। याद करो जबकि उसने अपने रब को पुकारा कि "मुझे बहुत तकलीफ़ पहुँची है, और तू सबसे बढ़कर दयावान है। अतः हमने उसकी सुन ली और जिस तकलीफ़ में वह पड़ा था उसको दूर कर दिया।
पवित्र क़ुरआन 21:83-84
 ارْكُضْ بِرِجْلِكَ ۖ هَـٰذَا مُغْتَسَلٌ بَارِدٌ وَشَرَابٌ ﴿٤٢
"अपना पाँव (धरती पर) मार, यह है ठंडा (पानी) नहाने को और पीने को।"
क़ुरआन 38:42
🌹💚🌹
किसी दीनी ख़िदमत और धर्म प्रचार में लगे भाई बहन इस Ayyubpathy की प्रैक्टिस करके ज़रूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं और साथ ही वे अपने घर परिवार की ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए काफ़ी माल भी कमा सकते हैं। यह कमाई दीनी नज़र से पूरी तरह जायज़ है।
🌹🌿🌹
इस तरह अल्लाह ने इंसान को पानी के रूप में दवा भी दी है और उन्हें रोज़गार के भरपूर मौक़े भी दिए हैं।
Dawah for Wellness सिखाना ही मेरा यानि डा. अनवर जमाल का काम है।
🌿💚🌿
आप रब के कलाम से लोगों का भला करें।
लोगों को फ़ायदा मिलेगा तो वे आपकी बात मानेंगे।
आप लोगों को रब के कलाम से दुनिया में फ़लाह और कल्याण पाना सिखाएं क्योंकि जिससे लोगों को फ़ायदा होता है, लोग उसी की बात मानते हैं।
وَجَعَلْنَا مِنَ الْمَاءِ كُلَّ شَيْءٍ حَيٍّ
और हमने पानी से हर जीवित चीज़ बनाई क़ुरआन 21:30
water यानि पानी हमारे जीवन का आधार ही नहीं, एक बेहतरीन दवा भी है। इसके सही यूज़ से हम न केवल हेल्दी रह सकते हैं बल्कि ज़्यादातर बीमारियों से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। ज़्यादातर लोग पानी जैसी नेमत का शुक्र नहीं करते, उसका सही यूज़ नहीं करते और वे इस नाशुक्री की वजह से बीमार रहते हैं और कष्ट उठाते हैं।

इसलिए आप सबसे पहले रब के शुक्रगुज़ार बनें और फिर सही तरीक़े से पानी पिएं। जहाँ तक मुमकिन हो पानी क़ुदरती तौर से ठंडा हो। बर्फ़ का और फ़्रिज का ठंडा पानी पीने से आपका लिवर ठंड का शिकार हो जाएगा। जिससे वह ठीक से खाना हज़्म न कर पाएगा। तब न आपमें ताज़ा हेल्दी ख़ून बनेगा और न ही आपको एनर्जी मिलेगी। आप थकान और तनाव के शिकार हो जाएंगे। आप पति पत्नी के रूप में भी कमज़ोर पड़ जाएंगे। गर्मी के मौसम में घड़े या सुराही का पानी पिएं। इससे पानी का TDS सही रहेगा, जो  जाकि और आपकी हेल्थ के लिए लाज़िमी है। सर्दी के दिनों में मिट्टी, लकड़ी और किसी मेटल के प्याले में रखा हुआ पानी पीना सबसे अच्छा है।  अधिक ठंड में गुनगुना गर्म पानी भी पिया जा सकता है। प्लास्टिक के बर्तन में गर्म पानी पीना ज़हर पीना है।
🌹🌿🌹
हमें यह जानना चाहिए कि कब जल पीना चाहिए और कब नहीं?
1. सुबह उठते ही डेढ़-दो गिलास ताज़ा या गुनगुना गर्म पानी पियें। जिन्हें पेट साफ़ न होने की शिकायत हो तो वे उसमें एक चम्मच त्रिफला और एक चम्मच शहद मिलाकर हल्के गर्म पानी से लें।
ज़्यादा क़ब़्ज़ हो तो बाज़ार से हमदर्दकी दवा जवारिश कमूनी मुसहिल लेकर एक चम्मच और मिला लें।
2. हाज़्मे के लिए खाने के बीच में सादा पानी पीने बजाय उसमें शहद, नींबू और सेब का सिरका या कोई भी सिरका मिलाकर थोड़ा थोड़ा करके पिएं। डायबिटीज़ के मरीज़ शहद न मिलाएं।
3. इसके बाद दिन भर आधा घंटे बाद थोड़ा पानी पीते रहें। इस प्रकार आप दिन भर में तीन से चार लीटर पानी आसानी से पी लेंगे। 18 kg. वज़्न पर 1 लीटर पानी की ज़रूरत पड़ती है। इस तरह आप अपने वज़्न के हिसाब ‌‌‌‌से अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ ज़रूर पानी पिएं। इस से आपको बार पेशाब आएगा। इससे घबराना नहीं है। यह आपके लिए बहुत अच्छा है। आपकी body के toxins बाहर निकलेंगे। जो कम पानी पीने वालों के अंदर रहते हैं और उनके सड़ने से आप बीमार पड़ते हैं। इसी सड़‌न से पसीने में बदबू आती है।
जो लोग बार बार पेशाब आने  बचने  पानी पीना कम कर देते हैं, वे अपनी जान पर खुद ही ज़ुल्म करते हैं.
4. खाने से लगभग एक घंटा पहले पानी पियें। खाने के लगभग एक घंटा बाद पानी पियें।
5. रात को सोने से पहले आधा गिलास पानी ज़रूर पियें। अपने पास पानी रखकर सोएं। रात को जब आंख खुले, तब भी थोड़ा पानी ज़रूर पी लें।
6. गर्मियों में घर से बाहर निकलने से पहले पानी ज़रूर पियें। आम दिनों में भी ऐसा किया जा सकता है।
7. टहलने या Exercise करने और नमाज़ के लिए निकलने से पहले थोड़ा जल ज़रूर पियें और इनके बाद थोड़ा ठहरकर भी एक गिलास पानी ज़रूर पियें।
8. एक सुनहरा नियम यह है कि जब आपको प्यास लगे, तब पानी ज़रूर पियें और आप बिना प्यास के भी पानी पिएं।

पानी कब न पियें?
1. जब आप बाहर से लौटे हों और बहुत पसीना आ रहा हो, तो फ़ौरन पानी न पियें, बल्कि कम से कम 10 मिनट आराम करने के बाद ही पियें। दौड़ कर जब रूकें और सांस फूल रहा हो, तब पानी न पिएं जब तक आपका सांस नार्मल न हो जाए।
2. खाने के फ़ौरन बाद पानी पीना बहुत नुक़्सान देता है। उस वक़्त सिर्फ़ पानी से मुँह साफ़ कर लें और बस एक या दो घूँट पानी पी लें।
3. Toilet से आने के 10 मिनट बाद पानी पिया जा सकता है।
4. कोई रसीला फल खाने या दूध पीने के फ़ौरन बाद भी पानी न पियें. इसके 10 मिनट बाद पानी पिया जा सकता है.

रब का नाम लें
1. जब भी पानी पिएं तो रब का नाम लें और मस्नून दुआ पढ़कर पानी पिएं। इससे आप जो vibrations पैदा करते हैं, पानी उसकी सकारात्मक ऊर्जा लेकर अंदर जाता है और Blood Cells की Healing तेज़ होती है और DNA में सुधार होता है। जिससे नेक फ़रमांबरदार (आज्ञाकारी) औलाद/नस्ल पैदा होती है।
2. पानी पीने के बाद भी शुक्र और मस्नून दुआ करें।
मस्नून‌ दुआएं इंटरनेट पर हैं।
🌹🌿🌹
कोल्ड ड्रिंक्स भूल कर भी न पिएं। 
जिन शर्बतों में  बाज़ारी फ़ूड में preservative के तौर पर कोई केमिकल हो, उन्हें भी न पिएं। ये आपके लिए ज़हर हैं. 
आप जो भी खाएं और पिएं , वह आपके अंदर ताज़ा खून बनने में मदद हो तो ही आप उसे लें. 
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*कैंसर जैसी बीमारी का इलाज*
अगर आप अल्लाह शिफ़ा के निज़ाम को जान लेंगे आप हरेक बीमारी से शिफ़ा पा सकते हैं.
आप यूट्यूब पर देखेंगे कि
क़ुरआन के पाठ से और विश्वास की शक्ति से बहुत लोग कैंसर जैसी जटिल बीमारियों से चंगे हो चुके हैं।
आप सूरह फ़ातिहा और क़ुरआन की आयतें पढ़कर किसी बोतल के पानी पर फूंक दें। आप ख़ुद ऐसा न कर सकें तो कोई दूसरा भी मरीज़ के लिए ऐसा कर सकता है। क़ुरआन पढ़ते वक़्त मरीज़ को अपने दिल में हेल्दी और ख़ुश देखें, जो कि नीयत है। सुबह शाम ऐसा करें। इससे Health & Happiness की vibrations आपके जिस्म में पैदा होंगी और वे उस पानी पर असर करेंगी।
इसी पानी को ज़रूरत के वक़्त पिएं!
इससे Body की Frequency ऊपर उठती है। पानी हरेक Body Cell को आपकी नीयत के मुताबिक़ Heal करना शुरू कर देगा।
इससे oxygen level भी बढ़ेगा। जिस्म का  Oxygen level सही हो तो Cancer cells ख़ुद ही Destroy हो जाती हैं। Bio Oxidative Therapy इसी नियम पर कैंसर का इलाज करती है।
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36% Food Grade Hydrogen peroxide से पानी को पाक करके पिया जाए तो उसमें oxygen का लेवल और ज़्यादा बढ़ जाता है। जिससे cancer cells नष्ट हो जाती हैं।
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 आपको जानकर ताज्जुब होगा कि हमारे ख़ून में white blood cells के पास सबसे बड़ा क़ुदरती हथियार hydrogen peroxide का ही होता है। जिससे ये शरीर के सब दुश्मनों का ख़ात्मा करने में सक्षम हैं।
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जिन बीमारियों को  Allopathy में लाइलाज माना है और उन कोई दवा काम नहीं करती, उसकी असल वजह यह होती है कि उनकी जड़ तन में नहीं बल्कि मन में होती है. उन्हें उन सब लोगों को माफ़ करने की ज़रूरत है, जिनसे वे मरीज़ नाराज़ हैं. जिसे माफ़ करना सबसे ज़्यादा मुश्किल लगे, उसे सबसे पहले माफ़ करें. उसके ख़िलाफ़  आपके दिल में जो ग़म , ग़ुस्सा और नाराज़गी है, उसने आपके दिल को बीमार कर  दिया है. फिर वह बीमारी दिल से जिस्म में ज़ाहिर हो गई है. माफ़ी और दुश्मन से मुहब्बत आपके दिल  पाक करती है, आप आप नबियों की तरह अपने दुश्मनों की हिदायत और भलाई के लिए दुआएं करें बहुत ज़्यादा करें. इससे आपके दिल का दिल का रोग मिट जायेगा जोकि जिसमानी बीमारी की असल जड़ है. 
इस राज़ को ख़ूब  अच्छी तरह समझ लें ताकि आप शिफ़ा पाएँ। 
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आसमान से बरसने वाले पानी को अल्लाह ने क़ुरआन (25:48) में माअन तहूरा यानि पवित्रतम जल, सबसे ज़्यादा पाक पानी कहा है।
हमने सबसे ज़्यादा पाक पानी पर बरसों रिसर्च की तो हमें उसमें हाइड्रोजन परआक्साईड मिला, जो पानी को पाक बनाता है।
आपके हंसने से भी आपका ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है। आपको पूरे दिन में थोड़ा थोड़ा करके 18 मिनट हंसने की ज़रूरत है।
इस्लाम में सहाबा र. और बुज़ुर्गों के रोने के क़िस्से इतने मशहूर हो गए हैं कि यह बात लोग भूल चुके हैं कि हज़रत अली रज़ियल्लाहु अन्हु के मुबारक होंठ हर वक़्त मुस्कुराहट से खिले रहते थे।
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आप अपने ऊपर हर वक़्त बरसती हुई नेमतों को देखेंगे और रब को अपने साथ महसूस करेंगे तो आप भी अपने दिल में हर वक़्त ख़ुशी महसूस करेंगे। यही ख़ुशी आपसे दुख को दूर रखेगी क्योंकि जैसा आप अपने अंदर महसूस करेंगे, आपके जिस्म में वैसे ही vibrations पैदा होंगे। फिर उन vibrations से वही हालत मैटीरियलाईज़ हो जाएगी। आप अपने दिल में रब से राज़ी और ख़ुश रहने की आदत बना लेंगे तो आपको बाहर भी नेचुरली खुशहाली और सेहत नसीब होगी.



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आप क़ुदरत के इन नियमों पर समझदारी के साथ अमल करेंगे, तो यक़ीन और पानी का पूरा फ़ायदा आपको मिलेगा और आप हमेशा हेल्दी रहेंगे।
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आप पानी की study करें।
पानी रब की रहमत है।
आप रब की रहमत से सबका इलाज करें।
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देश के बेरोज़गार युवा, दाई, हाफ़िज़, इमाम, मुअज़्ज़िन, मौलवी, पादरी, पंडित और घरेलू औरतें ऐसा कर लें तो वे एक साल में ही हकीम बन सकते हैं।
वे किसी सेंटर से नेचुरोपैथी का डिप्लोमा और डिग्री कोर्स भी कर सकते हैं।
हम अपनी 30 साल की रिसर्च आपको एक दिन में सौंप सकते हैं। जिससे आप 5,000 रूपए से 50,000 रूपए तक हर महीने बिना किसी दुकान के कमा सकते हैं।
अल्हम्दुलिल्लाह!
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इस तरह आप रब की दी हुई हिकमत से दावती और फ़लाही काम के साथ देश से बेरोज़गारी और ग़रीबी को भी दूर कर सकते हैं।
देश में करोड़ों बेरोज़गार उसके पीछे चलने को तैयार बैठे हैं जो उन्हें नेकी के साथ कमाना सिखा दे।
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देश के नौजवान नेताओं के पीछे इसीलिए तो चलते हैं कि वे उनसे रोज़गार का वादा करते हैं।
किसी नेता का वादा झूठा हो सकता है लेकिन अल्लाह का वादा सच्चा है। अल्लाह लोगों को रोज़ी देने का वादा करता है। पानी आपकी रोज़ी है। पानी से भी आपकी रोज़ी है। यह एक साइंटिफिक फ़ैक्ट है। 
पानी को अब दवा बनाएं और भरपूर कमाएं।
आप Ayyubpathy से ऐसा आसानी से कर सकते हैं।