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Allahpathy:THE BLESSING MONEY BAG THAT WOULD HELP EVERYONE TO BE RICH IN THE MONTH OF RAMADAN

By Hazrat Hakeem Mohammad Tariq Mahmood Chughtai Dear Readers! I Bring to you precious pearls and do not hide anything, you shou...

Wednesday, April 28, 2021

For ease of breathing and quick healing साँस लेने में आसानी और जल्दी हीलिंग के लिए

(फ़ेसबुक की कुछ पोस्ट्स यहां पेश हैं। आप इन्हें शेयर करें और कॉपी पेस्ट करें।)

क़ुरआन मजीद की एक ख़ास आयत ही काफ़ी है #ब्लड में #ऑक्सीजन फ़्लड लाने के लिए।

देखें क़ुरआन मजीद 25:48

जंग जो है कोरोना से

जीत लेंगे क़ुरआन से

इन् शा #अल्लाह।

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#oxygenflood in the blood without oxygen cylinder

#allahpathy #अल्लाहपैथी के अनुसार

अगर आप बीमार हैं और आपको ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहा है तो आप हरगिज़ निराश न हों। आप रब का आसमान से उतारा हुआ #बारिश का पाक पानी #पवित्र_जल #holywater पी लें।


#scientificfact

बारिश के पानी में #ozone होती है। जब #ओज़ोन ब्लड में जाती है तो यह ख़ून में ऑक्सीजन की फ़्लड ले आती है।

अपने डॉक्टर की सलाह से और उसी की निगरानी में यह पानी इस्तेमाल करें। रब कहता है:

  'और वही (रब) है जो अपनी दया (वर्षा) के आगे-आगे हवाओं को शुभ सूचना बनाकर भेजता, और हम ही आकाश से स्वच्छ जल उतारते हैं। (48) 

  ताकि हम उसके द्वारा निर्जीव भू-भाग को जीवन प्रदान करें और उसे अपने पैदा किए हुए बहुत-से चौपाए पशुओं और मनुष्यों को पिलाएं।' (49)

-सूरह अल-फुरक़ान 

#अल्लाह बारिश के पाक पानी से मुर्दा ज़मीन को ज़िंदा करता है, अगर आप पर भी मुर्दापन छा रहा है तो आप भी बारिश का पाक पानी पी लें।

आपकी #मौज आ जाएगी। जोकि #मिशनमौजले का मक़सद है।

बारिश का पानी हाइड्रोजन परऑक्साइड की वजह से पाक होता है। यह सड़ता नहीं है।

जिन लोगों को बारिश का पानी न मिले।

वे क्या करें?

यह हम अगली पोस्ट में बताएंगे, इन् शा अल्लाह! 

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During the reign of Queen Victoria over 170 years ago,

when India was still a British colony, the Indian peoplefound that #hydrogenperoxide added in minute amounts todrinking water cured a variety of illnesses from the minorones like colds and flu all the way to serious ones like

cholera and malaria. Because its use threatened the Britishmonopoly drug sales, they hired a news reporter disguised asa doctor to fabricate a story about a child who supposedlydied of brain damage as a result of taking hydrogen

peroxide. Coming from a “doctor,” the story was accepted asthe truth, even if it never happened. The misinformation

tactic worked and the Indian people abandoned the practiceof taking hydrogen peroxide in favor of buying British drugs.

During World War I, doctors used intravenous injections

of hydrogen peroxide to successfully treat pneumonia. Infact, it was a key treatment for people who became ill during

the pneumonia epidemic that broke out shortly after thewar.

In 1920, a British physician in India named T.H. Oliverwas the first to use an intravenous infusion of hydrogenperoxide to treat a group of 25 Indian patients who werecritically ill with pneumonia. Dr. Oliver's hydrogen peroxidetreatment effectively cut the standard mortality rate forpneumonia from 80% to 48%.

Since then, hydrogen peroxide therapy has been studiedin major medical research centers throughout the world,

including Baylor University, Yale University, The Universityof California (Los Angeles) and Harvard University in theU.S., as well as in medical schools in Great Britain, Germany,

Italy, Russia, Canada, Japan and Cuba.

Another person who is also considered a pioneer in theuse of hydrogen peroxide therapy is Father RichardWillhelm. During the 1940s, he created Educational Con-

cern for Hydrogen Peroxide (ECHO) to spread the wordabout the numerous benefits of hydrogen peroxide therapy.

He found hydrogen peroxide especially helpful in the treatment of skin diseases, polio and mental illness brought on by bacterial infections, and believed it would prove anintegral treatment for many more ailments. He created hisnon-profit organization hoping to inform the world aboutproper dosing and methods for using the treatment. How-ever, prescription medications also became popular during

the 1940s. Therefore, much of the attention that should

have been placed on developing new ways to administer

hydrogen peroxide became focused on the development and

uses of prescription drugs instead.

In the 1950s, Dr. Reginald Holman conducted experi-

ments involving the use of 0.45% hydrogen peroxide

concentrations added to the drinking water of rats that had

cancerous tumors. The tumors completely disappearedwithin 15 to 60 days.

In the 1960s, European physicians began prescribing

hydrogen peroxide to their patients. Before long, the use of

hydrogen peroxide became an accepted part of the medical

mainstream in Germany and Russia, as well as Cuba.

Although the successful treatments were widely publicized,

U.S.-based physicians who tried to adopt the bio-oxidative

therapies involving ozone and hydrogen peroxide were

often harassed by local medical societies and threatened

with the revocation of their medical licenses As a result,

hundreds of American patients flocked to foreign physicians

every year seeking bio-oxidative therapies—and sadly, anu untoldnumber of Americans who had neither heard of theset therapiesnor had the money to travel to foreign countries to seek treatment, had to suffer needlessly or die of an untoldn umber of diseases.

(बुक The one minute cure से साभार)

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#atmanirbharta_coach 

Aspidosperma mother tincture relieves symptoms of asthma and acts as a respiratory tract stimulant. It also relives congestion in the chest and promotes better breathing. It increases the oxygen in the blood and also helps in eliminating carbonic acid. 


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#Oxygen Cylinder से, #ozonetherapy से, #hydrogenperoxide से या #homoeopathic medicine से ब्लड में ऑक्सीजन लेवल ज़रूर बढ़ जाता है लेकिन...

आपने देखा होगा कि इसके बाद भी बहुत से मरीज़ों को राहत नहीं मिली और वे मर गए,

क्यों?

क्योंकि मरीज़ cellular level पर बंद थे। मरीजों की #bodycell बंद है,

क्यों बंद है?

#stress की वजह से बंद है।

तनाव में #nervoussystem #fightorflight mode par लग जाता है और सेल्स बंद हो जाती हैं। वे ब्लड से आक्सीजन नहीं ले सकतीं। जिससे सेल्स अपने अंदर जमा कचरा, वायरस और पैथोजन्स को जला नहीं पातीं, #oxidised नहीं कर पातीं।

इसलिए शरीर की #कोशिकाओं को खोलना ज़रूरी है।

#अल्लाहपैथी का हल:

#alfatiha #क़ुरआन को खोलती है और यह बरकत वाली #सूरह शरीर की बंद पड़ी कोशिकाओं को भी खोल देती है क्योंकि यह #माइंड को #relaxed करके नर्वस #सिस्टम को नार्मल कर देती है।

इसीलिए नमाज़ में और क़ुरआन में शिफ़ा है।

#allahpathy 

जो लोग सूरह न पढ़ सकें। वे इसे अपने मोबाईल से या आडियो सिस्टम से दिन और रात में ज़्यादा से ज़्यादा सुनें। इससे भी मन शांत होगा।

#healingvibrations

मज़े की बात यह है कि इस सूरह का अर्थ समझ में न आए तब भी इसके वाइब्रेशन्स मन को शांत करते हैं। जिससे हीलिंग फ़ास्ट होती है।  


जो लोग पूरी सूरह न पढ़ सकें, वे #alhamdulillah कहें और रब के लिए अपनी ज़िंदगी पर और अपनी चल रही सांसों पर #thankfulness फ़ील करें तो भी माइंड रिलैक्स्ड हो जाएगा।

आपकी ज़िन्दगी यक़ीनन कुछ और ज़रूर बढ़ेगी क्योंकि

रब का क़ुरआन मजीद में यह फ़रमान है:

'अगर तुम शुक्र करोगे तो मैं तुम्हें ज़्यादा दूंगा...'

#मिशनमौजले कहता है:

'आप जीवन और #श्वास पर शुक्र करें। रब जीवन और श्वास ज़्यादा कर देगा।

वैरी सिम्पल

क्योंकि जब आप शुक्र करेंगे तो आपका नर्वस सिस्टम नार्मल हो जाएगा और सेल्स हीलिंग प्रोसेस में लग जाएंगी।'

जिन लोगों को क़ुरआन मजीद से चिढ़ है कि इसे पढ़ना ही नहीं है। वे अपने परिवार के लोगों के साथ हंसे बोलें और ख़ुश हों। हंसी ख़ुशी से भी माइंड रिलैक्स्ड होता है। रब बड़ा दयालु है। वह अपने नाम से चिढ़ने वालों को भी जीवन देता है।

जब माइंड रिलैक्स्ड होता है तो शरीर की बंद कोशिकाएं खुल जाती हैं और वे ब्लड से आक्सीजन लेकर #ज़हरों और #वायरसों को जलाने लगती हैं। और #हीलिंग शुरू हो जाती है।

देखो, यह कितना फ़ायदेमंद लेख है।

अगर आप इसे कापी पेस्ट और शेयर न करें तो आप यहां हमारी फ़्रेंडलिस्ट में क्यों पड़े हैं?

हर शहर में लोग सांस घुटकर मर रहे हैं और आप उन तक काम आने वाली बात भी नहीं पहुंचा सकते?

#अगरअबभीनाजागेतो ?

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फेफड़े बीमार होने की वजह से आपको साँस लेने में दिक़्क़त हो तो थोड़ा सा आगे को झुक जाएं जैसे मुस्लिम नमाज़ में घुटनों पर हाथ रखकर #ruku करते हुए झुकते हैं।

ज़्यादा दिक़्क़त हो तो जैसे मुस्लिम #namaz में #sajdah करते हैं, वैसे ही आप ज़मीन पर अपने घुटने टेक दें और अपना माथा भी ज़मीन पर रख दें।

इससे फेफड़े कमर की तरफ़ पहले के मुक़ाबले ज़्यादा खुल जाएंगे और उनमें ज़्यादा हवा जा पाएगी।


हे आस्तिको ! रुकूअ करो तथा #साष्टांग नमन (#सज्दा) करो और अपने पालनहार की आज्ञा का पालन करो और कल्याणकारी कार्य करो, ताकि तुम सफल हो जाओ।

-पवित्र क़ुरआन, अलहज 77

'सफलता' में सब तरह की सफलता आ गई। इसमें सेहत पाने के मक़सद में भी सफलता आ गई। रब के सामने झुकने से, उसकी आज्ञा का पालन करने से और कल्याण कार्य करने हीलिंग में भी सफलता मिलती है।

#سجدہ 

#सज्दे को अ़ग्रेज़ी में #प्रोस्ट्रेशन कहते हैं। आप इंटरनेट पर सज्दे के फ़ायदे पढ़ें तो आपको यह लिखा हुआ मिलेगा:

#Prostration at night drains 

oxygen-rich blood to the brain 

which gives effect to the secretion

of the stable hormone adrenocorticotropic (ACTH) and the cortisol hormone in physiological conditions so that the immune system increases.' 


#atmanirbharta_ki_openuniversity 

में

#atmanirbharta_coach की इस पोस्ट को

पिछली और अगली पोस्ट से जोड़कर पढ़ने के लिए फ़ेसबुक पर #अल्लाहपैथी #allahpathy #मिशनमौजले पर क्लिक करें।

#अगरअबभीनाजागेतो ?

Note: yh sajde ki #ayat h. Apne ise padha hai to aap ek baar zurur sajdah kar len warna aap ke zimme #sajda aur Rab ka haq rah jayega.