Featured Post

Allahpathy:THE BLESSING MONEY BAG THAT WOULD HELP EVERYONE TO BE RICH IN THE MONTH OF RAMADAN

By Hazrat Hakeem Mohammad Tariq Mahmood Chughtai Dear Readers! I Bring to you precious pearls and do not hide anything, you shou...

Saturday, September 30, 2023

जवानी, मेहरबानी, मुहब्बत और हुस्न व गुलाबी गोरापन, सब एक साथ

 #ismeazam by #आत्मनिर्भरता_कोच #अल्लाहपैथी से

*जवानी, मेहरबानी, मुहब्बत और  हुस्न व गुलाबी गोरापन, सब एक साथ*

💄

1. चेहरा गोरा और गुलाबी बनाने के लिए मिशन मौज ले का हुस्ने यूसुफ़ पैक

Nuskha:

हुस्ने यूसुफ़

चंदन लाल

गुले अनार

गुले दाऊदी

सफ़ेदा काश्ग़री

हरेक दवा 20 ग्राम लें। इन सब दवाओं को कूट कर और पीसकर एक डिब्बे में रख लें।

जब ज़रूरत हो तो मुंह और हाथों और गर्दन को धो लें। इस पाउडर में हल्का गर्म दूध मिलाएं और इसे गाढ़ा करने के लिए इसमें तोड़ी मुल्तानी मिट्टी पीसकर मिलाएं। इसे चेहरे, हाथों व खुले हिस्सों पर लगाएं। जब यह सूख जाए, तब इसे हल्का सा पानी लगाकर रगड़कर स्किन से उतार दें।

यह फ़ेस पैक एक बार में ही चेहरा काफ़ी गोरा और गुलाबी कर देता है।

ध्यान रखें कि दवाएं असली हों और अच्छी क्वालिटी की हों।


2. गर्मी के दिन हों और कोई एलर्जी न हो तो अनार खाएं। इससे मसूड़े टाइट हो जाएंगे। स्किन और फ़िगर टाइट हो जाएगी।

खजूर, अनार, अंजीर और ज़ैतून का तेल खाने वाले में ताज़ा ख़ून बनता है, खाल लटकती नहीं, झुर्रियां नहीं पड़तीं, बाल नहीं झड़ते और गिरने से हड्डी नहीं टूटती। चाय, कोल्ड ड्रिंक्स और केमिकल वाले डिब्बाबंद फ़ूड खाने वालों के साथ ये सब हो रहा है और इनकी वजह से ब्लड कैंसर, गुर्दा फ़ेल और दिल के रोग बढ़ रहे हैं। जो खाओ, पहले अंजाम सो लो।

पैसे ख़र्च न करने हों तो जूस बेचने वाले से अनार के छिलके लाकर धोकर साए में सुखाकर रख लो। उसकी चाय बना लो और उसमें चीनी और दूध मत डालो। उसमें छुहारे डालकर पका लो या उस चाय को खजूर या अंजीर के साथ खा लो।

बुढ़ापा दूर रहेगा।

#wazifaforlove 

3. चीन और जापान में चाय पीने को इबादत का दर्जा देते हैं।

इसलिए आप चाय पीते पीते 100 बार या 400 बार #Yawadood भी पढ़ लें। इसलिए जीवनसाथी के दिल में मुहब्बत और दोस्ती रहेगी। हर नमाज़ के बाद 20 बार या वदूदू पढ़ना भी अच्छा काम करता है।

जितनी देर फ़ेसपैक लगाकर बैठो, 

उतनी या वदूदू 5,120 बार पढ़ लो या यूट्यूब से हेडफ़ोन लगाकर सुन लो। नतीजा एक मिलेगा कि जीवनसाथी के दिल में मुहब्बत और दोस्ती रहेगी।


हमारे फ़ेसपैक और चाय भी ज़रा हटके हैं।

आप चाहें तो इत्र को भी मैगनेटिक इत्र बना लें। जो ख़ुश्बू सूंघेगा, नर्मी से बात करेगा।

औरतें इसे घर में लगाएं और ऐसी ख़ुश्बू लें जो हवा में न फैले जैसे कि हिना।

मर्द ऐसी ले सकते हैं, जो 3 फ़ुट दूर ऑफिस कै बॉस की नाक तक चली जाए।

रोज़ अकेले में 12,500 बार 'या अल्लाहु या रऊफ़ू' पढ़कर इत्र पर #वशीकरण #Taskhir की नीयत से दम कर दे। 10 दिन में सवा लाख की गिनती हो जाएगी। आप 15-20 दिन में भी सवा लाख पढ़ सकते हैं।

किसी ख़ास आदमी का वशीकरण करना हो तो पढ़ते वक़्त उसका ख़याल दिल में रखें और इत्र पर दम करते वक़्त उसका नाम भी लें कि उसका दिल मेरे लिए नर्म हो जाए, वह मेरी हर ज़रूरत पूरी करे।

अगर आप मर्द हैं तो आप रोज़ 3,125 बार यह #ismeazam पढ़कर 40 दिन में भी सवा लाख की गिनती पूरी कर सकते हैं लेकिन जगह तन्हाई की हो। जहाँ कोई न देखे और न टोके। वक़्त, जगह और गिनती एक रखें। अपने अमल के बारे में किसी को न बताएं। अगर एक दिन अमल टूट गया तो उसका असर ख़त्म समझो और फिर नए सिरे से करो। जिस दिन कहीं जाना हो तो उस दिन टाईम से पहले अमल कर सकते हैं लेकिन बाद में नहीं कर सकते।

अब यह इत्र बराए तस्ख़ीर तैयार है। इसे जायज़ मक़सद के लिए लगाएं।

जो शादीशुदा औरतें अपनी ससुराल में नाक़द्री झेल रही हैं, यह ज़िक्र उनकी प्रॉब्लम को हल करने में काम करेगा।

स्कूल और घर में पिटाई से हिफ़ाज़त के लिए 

4. आम तौर से यह वशीकरण या तस्ख़ीर ऐसी होती है कि दूसरे लोग आकर्षण महसूस करते हैं और उनका दिल नर्म हो जाता है।

मिसाल के तौर पर एक टीचर या #अब्बाजान ग़ुस्से में आकर बच्चे को पीटने का इरादा कर चुके हैं और बच्चा यह नाम 'या अल्लाहु या रऊफ़ू' 346 बार पढ़कर अपने ऊपर फूंक कर उनके सामने जाता है तो जैसे ही उनकी नज़र उस बच्चे पर पड़ेगी, उनका दिल उसके लिए ख़ुद ही नर्म हो जाएगा। वह उस पर सख़्ती नहीं कर पाएगा।

वक़्त कम हो तो यह नाम कम पढ़ा जाए, तब भी काम करेगा।

अगर इन दोनों के साथ 'या रहीमु' नाम भी मिला लिया जाए तो असर और ज़्यादा बढ़ जाएगा।

तब ऐसे पढ़ा जाएगा:

'या अल्लाहु या रऊफ़ू या रहीमु'

इसे तस्बीह और कलिमा ए तौहीद के साथ पढ़ें तो यह इस्मे-आज़म का एक पावरफ़ुल कलिमा बन जाएगा:

सुब्हानका अल्लाहुम्मा ला इलाहा इल्ला अन्तर-रऊफ़ुर-रहीम।

अर्थ: आप पाक हैं, ऐ अल्लाह कोई माबूद नहीं है सिवाय आप रऊफ़ रहीम के‌।

100 बार पढ़कर 3 बार अपनी नीयत बोले कि 'जो मुझे देखे, मुझ पर मेहरबान हो'

या यह कहे

अल्लाहुम्मा सख़्ख़िर ली हाज़ल बलदि वर-रिजाल।

यानी ऐ अल्लाह इस नगर को और यहां के लोगों को‌ मेरे लिए मुसख़्ख़र कर दीजिए।

आप किसी और तरह भी अपनी नीयत बोल सकते हैं। नीयत की वजह से हर शब्द इत्र पर असर डालेगा और इत्र के हरेक एटम को याद रहेगा कि उसे क्या हुक्म दिया गया है और उसे क्या करना है।

अगर आप सवा लाख नहीं पढ़ सकते तो आप रोज़ाना

100 बार 'सुब्हानका अल्लाहुम्मा ला इलाहा इल्ला अन्तर-रऊफ़ुर-रहीम' पढ़ें।

और 111 बार 'अल्लाहुम्मा सख़्ख़िर ली हाज़ल बलदि वर-रिजाल' पढ़ें।

शुरू और बाद में 1-1 बार दुरूद शरीफ़ पढ़ लें। यह भी असर करता है। रोज़ करें। नमाज़ न पढ़ने के दिन में रोज़ उतनी देर सिर्फ़ दुरूद शरीफ़ पढ़ें और अपने मक़सद के लिए दुआ करें। दुआ और दुरूद हर हाल में करें।

5. इसमें हमने फ़ेसपैक,  चाय और इत्र बताया है। इत्र के साथ आप अपने ज़ेवरों पर भी फूँक लें तो ज़्यादा अच्छा रहेगा।

किसी अंगूठी या लाकेट पर 

'सुब्हानका अल्लाहुम्मा ला इलाहा इल्ला अन्तर-रऊफ़ुर-रहीम' मशीन से किसी अच्छे वक़्त में लिखवाकर पहने तो और ज़्यादा अच्छा है।

ग़र्ज़ यह कि कई तरीक़े हैं ख़ुद को दूसरों की ज़्यादती से बचाने के।

इनमें सेल्फ़-केयर भी एक बहुत पावरफ़ुल तकनीक है और दुआ उससे भी ज़्यादा पावरफ़ुल तरीक़ा है।

6. मैंने आज तक वशीकरण का कोई रूहानी अमल नहीं किया है क्योंकि मुझे इसकी ज़रूरत नहीं पड़ी। थोड़ी बहुत ज़रूरत पड़ती है तो वह सुबह और शाम के #मस्नून #adhkar से पूरी हो जाती है। 

7. सूरह तौबा की आख़री 2 आयतें या आयतुल-कुर्सी पढ़ने से भी तस्ख़ीर होती है।


चेतावनी: इस रूहानी अमल में अल्लाह का पाक नाम है। यह जायज़ मक़सद में काम करेगा और नाजायज़ मक़सद के लिए इसे पढ़ा गया तो इससे नाजायज़ नीयत वाले को नुक़्सान होगा।

#Allahpathy में उलमा और रूहानी आमिलीन के आज़माए हुए आमाल और तजुर्बात सिर्फ़ आपको रूहानी इल्म में आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिए जाते हैं।

सभी आमाल आसान हैं।

ये अल्लाह के नाम हैं या उसके पाक कलाम की आयतें हैं।

इन्हें करने का सबसे अच्छा वक़्त तन्हाई और फ़ुर्सत का वक़्त है चाहे वह फ़ज्र से पहले का हो, उसके बाद का हो या दिन का हो या सोने से पहले का हो।

पूरे यक़ीन से अमल करें और जल्दी नतीजा न मिले तो सदक़ा दें, इस्तिग़फ़ार करें लेकिन अमल न छोड़ें। अगर आपने सब्र के साथ अमल किया तो कामयाबी यक़ीनी है। जल्दी करने और मायूस होने से रूहानी अमल नाकाम हो जाता है क्योंकि रूहानी दुनिया में हर काम अपने ठीक वक़्त पर होता है,

जैसे बच्चे की पैदाईश उसके ठीक टाईम पर होती है, माँ जल्दी चाहे तो उसके चाहने से कुछ न होगा, सिवाय नुक़्सान के। सो अमल करो और उसे एक फल की तरह पकने के लिए रब के हवाले कर दो। एक वक़्त आएगा और आपके अमल का फल आपकी गोद में ख़ुद आ गिरेगा, इन् शा अल्लाह।

 

#selfcare #pomegranate #bestfacepack 

#antiagingtea

No comments:

Post a Comment