Featured Post

Allahpathy:THE BLESSING MONEY BAG THAT WOULD HELP EVERYONE TO BE RICH IN THE MONTH OF RAMADAN

By Hazrat Hakeem Mohammad Tariq Mahmood Chughtai Dear Readers! I Bring to you precious pearls and do not hide anything, you shou...

Tuesday, September 3, 2019

पस्ती और ग़रीबी के बोल से बचना क्यों ज़रूरी है? Dr. Anwer Jamal

आमतौर से लोग कॉन्शियस माइंड और सब्कॉन्शियस माइंड माइंड के कामों को नहीं जानते कि ये दोनों कैसे काम करते हैं। ऐसे में वे जब लिखते हैं तो वह निगेटिव सेल्फ़ कांसेप्ट लिखते हैं और जब मैं उन्हें इस तरफ ध्यान दिलाता हूं तो वह समझते हैं कि मैं उनकी बात नहीं समझ पाया देखिए एक दिलचस्प डायलॉग मरियम खान बहन ने पोस्ट लिखी।
📚✍🏻

देश की गिरती GDP से मुझे डर बस इतना है, कहीं भक्त लोग हमारा पंचर बनाने का रोज़गार भी ना छीन लें🙄🤔
📚✍🏻
यह पोस्ट पढ़कर मैंने कहा:
Mariyam Khan , अगर मानो तो मैं आपको सलाह देता हूं कि दुश्मन आपको घटिया शूद्र के रूप में सेवा देने वाला बोलेगा क्योंकि वह दुश्मन है लेकिन आप कभी उस रूप को मज़ाक़ में भी स्वीकार न करें क्योंकि बार-बार रिपीट करने से वह आपके और आपके पाठकों के मन में जम जाएगा और फिर आप और आपके पाठकों के जीवन में वही रूप सच हो जाएगा।
जो बोलते हो, वह कुछ समय बाद आगे आ जाता है।
यह प्रकृति का नियम है।
*ज़ुबान का इलाज:*
खुद को राजा, बादशाह, विजेता के रूप में बोलते रहें।
///
आपको यह बात बहुत मामूली लगेगी कि हम तो महज़ मज़ाक़ करते हैं। हम इन बातों का असर नहीं लेते लेकिन
आपका सबकॉन्शियस माइंड मज़ाक़ को नहीं समझता।
आप जिस बात को बार-बार बोलते हैं, बार-बार सुनते हैं, उसका यक़ीन सबकॉन्शियस माइंड में पैटर्न के रूप में ऑटोमेटिकली बनता चला जाता है और फिर वह पैटर्न आपके जीवन में प्रकट हो जाता है।
इसलिए मज़ाक़ में भी अपने लिए अच्छे और उच्च विचार बोलें।
जो बोलोगे (बोओगे), वह काटोगे।
🌈😊🌹

मैंनेेेेेेेे यह बात कही तो मरियम ख़ान ने मुझे समझाने के लिए लिखा: Anwer Jamal Khan साहब, मेरे post डालने का मतलब ये नहीं था कि हम सच मे ऐसे हैं, मुसलमान को पंचर बनाने वाला परिभाषित किया जाता है, मुसलमान तो हमेशा से ही मेहनती रहा है और मेहनत मज़दूरी कर के अपना गुज़ारा कर सकता है पर इसके बावजूद सिर्फ़ मुसलमानो की बर्बादी दिखा कर सरकार कट्टरपंथियों और भक्तों को ख़ुश कर रही है जब कि GDP गिरने से सबसे बड़ा नुकसान इनका ख़ुद का हो रहा है,

मेरे post का बस यही मतलब है कि आप ख़ुद बर्बाद हो रहे हो, मुट्ठी भर मुसलमानो को बर्बाद करने के लिए,
आज सारे छोटे बड़े कारोबारी रो रहे हैं, सभी मंदी की मार झेल रहे हैं।

मैंने लिखा: Mariyam Khan bahan! आपको क्या लगता है कि मुझे व्यंग्य की समझ नहीं है? :) 
आप व्यंग्य करें लेकिन व्यंग्य में भी अपना रूप विराट और ऐश्वर्यशाली रखें।
जो कुछ आप मन में देखती हैं, उसका असर पड़ता है बहन।
आप The power of your subconscious mind नामक बुक पढ़ें।

No comments:

Post a Comment