IMRAN RAFIQ: आपने थोड़े से शब्दों में बहुत गहरी बात कह दी। लेकिन हमारे जैसे लोग आपके इतना समझाने पर भी कुछ ख़ास नहीं सीख पा रहे, फिर भी आपकी बातों को ध्यान से पढ़ते है और उससे बहुत थोड़ा ही सही लेकिन सीखने की कोशिश करते हैं। 🙏
DR. ANWER JAMAL: IMRAN RAFIQ भाई, जो लोग कुछ ख़ास न सीख पाएं और कुछ ख़ास न कर पाएं तब भी वे तीन बातें ज़रूर सीख लें:
1. अपने और दूसरों के अच्छे हाल की नीयत करें कि ऐ रब, आप अपनी ताक़त से, अपने हुक्म 'कुन' से हमारा हाल संवार दे और फिर ख़ुद को और सबको अपने दिल में उस हाल में तसव्वुर (imagine) करे, जो हाल मुराद है। यह तसव्वुर (imagination) एक वक़्त पर ख़ुद पूरा होकर जन्म लेगा, जैसे कि गर्भ में बच्चा पूरा होकर एक वक़्त बाद ख़ुद बाहर आता है।
इस तसव्वुर को हक़ीक़त बनने से कोई नहीं रोक सकता, अगर विश्वास है। हाँ, शक इसे रोक देगा।
2. ज़्यादा से ज़्यादा शुक्र करे। रोज़ हज़ार बार से ज़्यादा शुक्र के बोल बोले। हालात ख़ुद उस तरफ़ जाएंगे, जो आपकी नीयत है।
3. अपनी नीयत और अपने तसव्वुर में ख़ुद को ग़ालिब और अमीर (विजयी-प्रभावी और समृद्ध) फ़ील करें।
कहने का मतलब यह है कि हाथ पैर से जितना करते आ रहे हो, उतना करते रहो लेकिन अपने आपको अपने दिल में बदल लो। जब क़ुरआन में जन्नत की नेमतों का बयान पढ़ो तो ख़ुद को वहीं, जन्नत (बाग़) में फ़ील करो। इससे आपका माईंड रिलैक्स्ड होगा और फिर जिस बात को माईंड बार बार फ़ील करता है, वह उसे किसी वक़्त पर आपकी ज़िन्दगी का सच बनाता है।
अगर शक, मायूसी, जल्दबाज़ी और कोई #counterbelief न हुआ तो रब के क़ानूने क़ुदरत के तहत आपका #selfconcept
एक मुद्दत बाद
ख़ुद #manifest हो जाएगा।
इन् शा अल्लाह।
आपको नीयत, शुक्र और तसव्वुर में ग़लबे और अमीरी को महसूस करना मामूली लगता है लेकिन यह ज़िन्दगी पर ग़ैर मामूली असर डालता है।
#Allahpathy सिखाती है #संकल्प_से_सिद्धि
यही है
#mission_mauj_ley
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