तंग नज़रिया एक मानसिक रोग है।
यह रोग कोविड19 से ज़्यादा घातक है और उससे ज़्यादा फैला हुआ है।
अमर उजाला दैनिक अंक 3 अप्रैल 2020 में लिखा है कि
'कोरोना से जंग: भारत को 1 अरब डॉलर की आपातकालीन मदद देगा विश्व बैंक'
इससे दो बातें पता चलीं:
1. नोवेल कोरोना से उपजे संकट में पूरी धरती के 7 अरब 80 करोड़ लोग हमारी मदद कर रहे हैं।
2. हमने अंग्रेज़ों को भगाया लेकिन फिर भी वे बदले की कार्रवाई न करके संकट में हमारी मदद कर रहे हैं।
माँ भारती की मदद कर रही है माँ धरती। धरती के सारे वासी हमारे साथ हैं।
दीप जलाने और शुक्रिया कहने और सबको साथ महसूस करने के वक़्त
इस 'सत्य' से आँख मूंद लेना केवल अंधापन और नाशुक्री है।
ऐसे लोगों का कल्याण नहीं होता।
सच यह है कि सारी दुनिया की सारी मानवता हमारे साथ है। हमें पीपीई, मशीनें और दवाएं विदेशों से मिल रही हैं।
हम सबके शुक्रगुज़ार हैं क्योंकि हमारा नज़रिया विराट है।
आईये संकीर्ण से विराट की ओर
आईये रोग से आरोग्य की ओर
अभी हैल्दी हो जाएं,
इसके लिए कोई समय निश्चित है तो केवल 'अब का पल!'
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