Featured Post

Allahpathy:THE BLESSING MONEY BAG THAT WOULD HELP EVERYONE TO BE RICH IN THE MONTH OF RAMADAN

By Hazrat Hakeem Mohammad Tariq Mahmood Chughtai Dear Readers! I Bring to you precious pearls and do not hide anything, you shou...

Wednesday, March 16, 2022

क़ुरआन की बरकत से सिरदर्द दूर होने का सच्चा वाक़या

#allahpathy #aamale_qurani #tibbe_ruhani 

मंसूर भाई: Jamal sahab kalonji par kya padh kar dam karen bimari se shifa k liye?

#आत्मनिर्भरता_कोच: भाई, असल चीज़ शिफ़ा की नीयत है। जब एक आदमी शिफ़ा की नीयत से कलौंजी खाता है तो वह शिफ़ा की तरफ़ क़दम बढ़ाता है।

#क़ुरआन_मजीद में शहद और ताज़ा पानी में भी शिफ़ा का बयान आया है। हदीसों में #sanamakki #ajwadates और तलबीना में भी शिफ़ा बताई गई है।

आदमी ख़ुद से सिर्फ़ कलौंजी पर निर्भर न रहे बल्कि क़ाबिल हकीम से सलाह लेकर #herbs का इस्तेमाल करे जोकि सहाबा का तरीक़ा था।

इसके साथ सूरह फ़ातिहा पढ़े क्योंकि इसका एक नाम #शाफ़िया अर्थात #शिफ़ा/#आरोग्य देने वाली है।

आप इस सूरह के साथ क़ुरआन में से वे 37 आयतें भी जोड़ लें जिनमें

'ला इलाहा इल्ला हुवा

आया है। इन आयतों में #हुवा #इस्मे_आज़म है।

जैसे कि आयतुलकुर्सी में, जोकि सब आयतों की सरदार है और इसका मक़ाम बहुत बुलंद है क्योंकि इस एक आयत में ही 18 जगह अल्लाह का ज़िक्र है और इसमें अल्लाह के अल्-हय्यू और अल्-क़य्यूम नाम भी आएहैं। जो जिंदगी को क़ायम रखने में बहुत उम्दा हैं।

इनके साथ वे आयतें भी जोड़ लें जिनमें शिफ़ा और सलाम का ज़िक्र आया है।

इतना काफ़ी है।

अगर और ज़्यादा पावर चाहें तो इनके साथ वे आयतें भी पढ़ें, जिनमें रहस्यमय हुरूफ़े मुक़त्तिआत आए हैं जैसे कि '#काफ़हायाऐनसाद' '#हामीमऐनसीनक़ाफ़' आदि। क्योंकि इन हुरूफ़ का क़ुरआन की हिफ़ाज़त में बहुत दख़ल है। 

इस पूरे संकलन को #ruqyah कहेंगे।

यह एक #bestruqyah है।

#Alhamdulillah 

इन सबको 7 बार पढ़कर कलौंजी, शहद या पानी पर और दवा पर फूंक करके खाएं और ख़ुद पर भी सुबह शाम दम करें।

इन् शा अल्लाह इन आयतों से आपको अज़ीम #बरकत हासिल होगी। जिसे आप और सब देखेंगे।

इन्हें न सिर्फ़ शिफ़ा और सलामती के लिए बल्कि हरेक मक़सद और मुराद के लिए पढ़ा जा सकता है और इनसे जल्दी काम के असबाब बन जाते हैं।

सब मक़सद की नीयत एक साथ भी की जा सकती है।

#नीयत बहुत अहम है।

काम नीयत पर निर्भर है।

ये आयतें सभी बुज़ुर्गों के डेली रूटीन के #वज़ीफ़े में शामिल हैं।

#अल्लाहपैथी #اعمال_قرآنی #atmanirbharta_coach 

#shama_shabistane_raza #dua #quran 

#Wazifa

////

Part 2

#Allahpathy

Mansoor Lko : Jamal sahab, hum gunahgaro ka Iman or Aqeeda itna pukhta nhi ki ek mamuli se kale Dane par yaqeen kar sake isliye aap k bataye tarike se hamne sirf 11-11 martaba surah fatiha or ayetalkursi padh kar #kalonji par dam karke apne Bhai ko dava k sath di to uske sar ka dard, jo pichhle 3 din se ho rha tha aur Kai tarha ki dava khane k baad bhi koi aaram nhi tha, #alhamdulillah sirf 15-20 minute me ghayab ho gaya.

#atmanirbharta_coach: मंसूर भाई, मैं आपकी क़द्रदानी की वजह से सचमुच आपसे ख़ुश हूँ। आपके सामने एक समस्या थी और अल्लाह क़ुरआन और हदीस में उसकी शिफ़ा के असबाब का इल्म दे चुका है और मैं उस इल्म को और अपने 37 साल के तजुर्बात को आम कर रहा हूँ तो आपने उस पर ध्यान दिया और उस इल्म को बरतकर अपने भाई का सिरदर्द दूर किया।

अल्हम्दुलिल्लाह!

इससे हमारे सभी पाठकों के ईमान में इज़ाफ़ा होगा। ख़ास तौर से भाई Khalid Hussain Advocate जैसे लोगों को भी आपके बयान से अपनी उस बेअसल आपत्ति का जवाब और सुबूत मिल चुका है, जो वह मुझे एक कमेंट में लिख चुके हैं कि #क़ुरआन पढ़ने से कुछ नहीं होता।

मैं कहता हूँ कि क़ुरआन पढ़ने से बीमारी दूर होती है और शिफ़ा मिलती है। आपका तजुर्बा इसका सुबूत है।

जैसा कि आपने ख़ुद को गुनाहगार कहा और यह भी लिखा कि आपका यक़ीन इतना पुख़्ता नहीं है कि कलौंजी के एक मामूली से दाने पर यक़ीन कर सकें कि इतना छोटा सा दाना हमारी बीमारी दूर कर सकता है।

आपकी बात बिल्कुल सही है। अपने गुनाहों को देखना और अपने ईमान को कमज़ोर या कच्चा पाना आम मुस्लिमों का एक आम लक्षण है।

जब भी आपको ऐसा लगे कि मेरी बीमारी में #कलौंजी या #talbinah क्या कर लेगा?

या मेरी बेरोज़गारी, गिरफ़्तारी, रिहाई, क़र्ज़, लड़ाई, दुश्मनी, मुक़द्दमे या निकाह और बच्चे की पैदाईश और उसके सुधार में या मेरे मसले में नबियों की बताई हुई यह चीज़ या उनकी बात क्या कर लेगी?

या मेरी दुआ ही क्या कर लेगी?

क्योंकि मैं गुनहगार हूं और मेरा ईमान कमज़ोर है तो आप 

#हस्बियल्लाहु_ला_इलाहा_इल्ला_हुवा_अलैहि_तवक्कल्तु_वहुवा_रब्बुल_अर्शिल_अज़ीम'

सुबह शाम 7-7 बार पढ़ें और इसे चलते फिरते हुए भी बहुत पढ़ें और अपने मक़सद की दुआ करें। इस आयत में #इस्मे_आज़म है और #अल्लाह का नाम है और इसमें उसके #अर्श (सिंहासन) का #ज़िक्र है, जहाँ से हुक्म जारी होता है और फिर वह हुक्म पूरे यूनिवर्स में फैलता है।

बुज़ुर्गों ने अपना तजुर्बा यह बताया है कि चाहे आदमी सच्चे दिल से इसे पढ़े या झूठे दिल से, उसकी परेशानी दूर हो जाएगी।

...और होनी भी चाहिए क्योंकि इस #आयत में #greatestname #IsmeAzam #Huwa #ismezaat #Allah और उसके सिफ़ाती नाम के साथ, #रब के साथ मौजूद है।

मुझे इस आयत का कॉन्बिनेशन बहुत पसंद है।

जब से मैंने इसे पढ़ना शुरू किया है, तब से मुझे लगातार राहत और ज़्यादा राहत है।

#अल्हम्दुलिल्लाह 

#अल्लाहपैथी #आत्मनिर्भरता_कोच #tibbe_ruhani #aamale_qurani #shama_shabistane_raza #अमलियात #عملیات

Sunday, March 6, 2022

Ruhani Amal for Gallstones

 पित्ताशय की पथरी के लिए इस्मे आज़म