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Friday, August 25, 2017

how to make a wish come true fast

काफ़ी जानकारी पिछली पोस्ट्स में दी है ... अब आगे पढ़ें-

आप अपने जीवनसाथी में किन ख़ूबियों को देखना चाहते हैं?
        ज़्यादातर लड़के लड़कियों का विज़न इस बारे में धुंधला होता है। वे कहते हैं कि वे एक अच्छा जीवनसाथी चाहते हैं जो उन्हें प्यार करे। ‘अच्छा जीवनसाथी’, यह एक साफ़ विज़न नहीं है। आपका जीवनसाथी किस बात में अच्छा हो?, यह आपको बिल्कुल साफ़ पता होना चाहिए।
आप लड़कियों से पूछें कि अच्छे जीवनसाथी से आपका क्या मतलब है?, तो वे जवाब देंगी कि जो शराब न पीता हो, जो धौंस न जमाता हो, ग़ुस्सा न करता हो, मारपीट न करता हो, गालियां न देता हो, जो दूसरी लड़कियों के चक्कर में न पड़े।
        ये सब नेगेटिव जवाब हैं। आप एक पेपर पर एक कॉलम में ये सब लिख लें और फिर दूसरे कॉलम में हरेक नेगेटिव जवाब को पॉजि़टिव जवाब से बदल दें।



Clarity is your power
आप इसमें और ज़्यादा ख़ूबियां जोड़ सकती हैं जैसे कि आपका पति डॉक्टर, इंजीनियर या बिज़नेसमैन हो या जो भी आप चाहें। उसके पास अपना घर हो। वह शहर, क़स्बे या देहात में रहता हो, जो भी आपको पसन्द हो। उसका रंग साफ़ हो। उसका क़द 5 फ़ुट 9 इंच हो, या जितना क़द आप पसन्द करें। वह किस तरह के कपड़े पहनता हो? वह किस जाति का हो? यह सब भी लिख लें। आप जिस जिस जाति में शादी कर सकती हैं, उन जातियों के नाम भी लिख लें। अगर आप किसी भी जाति में शादी कर सकती हैं तो आप यह भी लिख लें। ऐसे ही आप अपने पति के धर्म और मत को भी लिख लें। आप जितनी ज़्यादा ख़ूबियों को पॉज़िटिव तरीक़े से लिखती जाएंगी, आपका अपने पति के बारे विज़न उतना ही ज़्यादा साफ़ होता जाएगा। यहां तक कि आप अपने दिल के आईने में अपने पति की इमेज को ऐसे ही बिल्कुल साफ़ देख पाएंगी, जैसे कि आप किसी की इमेज आईने में देखती हैं।
दिल के आईने में है तस्वीरे यार
जब ज़रा गर्दन झुकाई देख ली
ऐसे ही लड़के भी अपनी होने वाली पत्नी में जिन ख़ूबियों को देखना चाहते हैं, उन्हें एक पेपर पर ज़रूर लिख लें ताकि उनका विज़न अपनी पत्नी के बारे में क्लियर हो जाए। यह किसी दूसरे पर क्लियर नहीं करना है बल्कि ख़ुद अपने माइन्ड में ही क्लियर करना है ताकि आपका सब्काॅन्शियस माइन्ड आपकी पसन्द के जीवनसाथी को आपकी ज़िन्दगी में अट्रैक्ट कर सके।
असमा हूर ने इसी तरीक़े से अपनी ज़िन्दगी में एक ख़ूबसूरत, शिक्षित, कमाऊ और वफ़ादार शौहर को अट्रैक्ट कर चुकी हैं।

एक दूसरे से प्रेम करो 
असमा हूर की शादी डा. नदीम हाशमी सेहुई, जो कि मेरे अच्छे दोस्त हैं। दोनों दुनिया भर में पीतल के बर्तनों के लिए मशहूर मुरादाबाद शहर के रहने वाले हैं।डा. नदीम लम्बे क़द की लड़की से निकाह करना चाहते थे। इन्डिया में आम तौर पर 5 फ़ुट 4 इन्च क़द तक की लड़कियाँ ज़्यादा मिलती हैं। लम्बे लड़की की तलाश की वजह शादी में वक़्त लग रहा था। लोग डा. नदीम से पूछते थे तो वह हंसते हुए कह देते थे कि अब तो मैं हूर से शादी करूंगा। उनकी शादी 5 फ़ुट 8 इन्च क़द की असमा हूर से हो गई। शादी के बाद असमा ने अपना नाम बदलकर असमा नदीम कर लिया।
शादी के बाद मैं एक दिन डा. नदीम हाशमी के घर पहुंचा तो उन्होंने मुझे अपनी पत्नी असमा से मिलवाया। मैंने असमा में भी ख़ूबसूरती के साथ वे सब ख़ूबियां देखीं, जो ज़िन्दगी में ख़ुशी और कामयाबी पाने के लिए ज़रूरी हैं।  पति पत्नी में गहरी मुहब्बत हो तो इन्सान का घर ज़मीन पर ही जन्नत बन जाता है। सबसेअच्छी बात यह है कि दो बच्चे हो जाने के बाद आज भी  दोनों में बहुत गहरी मुहब्बत है। मैंने दोनों को क़ानूने क़ुदरत का इल्म दिया है। इस इल्मो हिकमत को मैं ‘अल्लाहपैथी’ कहता हूं। इस की मदद से दोनों ने बहुत ख़ुशियाँ और बरकतें पाई हैं। जो तरीक़ा मैंने उन्हें सिखाया, उसने उन्हें बहुत जल्दी अच्छे नतीजे दिए क्योंकि यह तरीक़ा उन लोगों के लिए बहुत तेज़ी से काम करता है, जो कि मुहब्बत से बहुत ज़्यादा भरे होते हैं। इतने ज़्यादा कि मुहब्बत उनके व्यवहार में सेवा और मदद के रूप में लगातार बहती और छलकती हो।
Love each other -Jesus Christ, John 15:17

         असमा नदीम ने मुझे बताया कि किसी की सलाह पर उन्होंने शादी से पहले अपनी एक डायरी में वे ख़ूबियां लिख ली थीं, जिन्हें वे अपने शौहर में देखना चाहती थीं। यहां तक कि उन्होंने यह भी लिख दिया था कि उनके पति के चेहरे पर छोटी सी दाढ़ी हो। फिर जब उनकी शादी हुई तो उन्होंने देखा कि उनके शौहर में वे सब ख़ूबियां थीं, जो कि उन्होंने अपनी डायरी में लिखी थीं, यहां तक कि उनके शौहर के चेहरे पर छोटी सी दाढ़ी भी थी। उनका पति उनके पूरे ख़ानदान की लड़कियों के पतियों में सबसे ज़्यादा शिक्षित है, जैसा कि वह चाहती थीं। उनकी शादी इन्डिया के आम रिवाज के मुताबिक़ उनके घरवालों ने ही तय की थी। लड़के वाले दूसरी जाति के थे। लड़के वाले ख़ुद उनके घर रिश्ता लेकर आए थे। मुरादाबाद में उन दो अलग जातियों में शादी की यह पहली घटना थी। सम्भावना के हिसाब से ऐसा होना तक़रीबन नामुमकिन था लेकिन फिर भी यह सब हुआ। यह सब क़ुदरती क़ानून के तहत हुआ। असमा किसी शादी में जाती थीं तो सब लड़कियाँ बड़े शौक़ से दहेज के सामान को देखती थीं। असमा दहेज का सामान देखने में कोई दिलचस्पी नहीं लेती थीं। उन्हें ऐसा पति मिला, जिसने आम रिवाज के खि़लाफ़ अपनी शादी में उनके वालिद से दहेज लेने से मना कर दिया। असमा का निकाह बिना दहेज के हुआ। जब आप अपनी नीयत में साफ़ होते हैं तो फिर उस नीयत की वजह से यूनिवर्सल एनर्जी में सभी ज़रूरी बदलाव होने शुरू हो जाते हैं। जिससे उस नीयत के पूरा होने के असबाब बनते हैं और वह नीयत नेचुरली पूरी हो जाती है।

अपना घर कैसे पाएं?
        मैंने पहली मुलाक़ात में अमा नदीम से कहा कि आप मेरी बहन हैं। बताईये आप क्या चाहती हैं?
तब असमा नदीम दो कमरों के एक मकान में संयुक्त परिवार में रहती थीं। ज़ाहिर है कि सास, ससुर, देवर, ननदों और मेहमानों के लिए एक कमरा कम पड़ता था। वह बोलीं कि मैं एक नया घर चाहती हूं।
      मैंने उनसे कहा कि यह रब के लिए बहुत आसान है। आप जैसा घर चाहती हैं। आप उसके बारे में अपना विज़न क्लियर कीजिए। आप उस घर में कितने कमरे चाहती हैं? जो भी आप चाहती हैं, आप एक चार्ट पर उस घर का नक़्शा बना लीजिए। उस नक़्शे को आप अपने कमरे में एक दीवार पर टांग लीजिए। फिर आप मेन्टली उस घर में रहना शुरू कर दीजिए। आप अपने दिल के आईने में देखिए कि उस घर में किस तरह की सजावट है? उसकी दीवारों पर किस रंग का पेन्ट है। जब आप रात को सोने लगें तो आप यही महसूस करें कि आप ‘उसी घर’ में सो रही हैं। जब आप इस घर के किचन में काम करें तब भी आप यही कल्पना करें कि आप ‘उसी घर’ के किचन में काम कर रही हैं। इन शा अल्लाह, बहुत जल्दी आपकी ज़िन्दगी में ऐसे हालात बनेंगे कि वह घर आपको नेचुरली मिल जाएगा।



       असमा नदीम ने एक चार्ट पर अपने घर का नक़्शा बना कर उसे दीवार पर लगा दिया और वह मेन्टली उसमें रहने लगीं। यह रब से गुमान करने का एक तरीक़ा है। एक रोज़ उनके कमरे में उनके एक ननदोई अख़्तर हुसैनने वह नक़्शा देखकर पूछा कि यह क्या है?
        असमा नदीम बोलीं कि यह हमारे घर का नक़्शा है तो अख़्तर हुसैनबहुत हंसे। वह बोले, अरे इसमें तो कार खड़ी करने के लिए पोर्च भी है। शायद उन्हें यह मुममिन नहीं लगा था। अक्सर लोग अपने हालात को देखकर अपनी कल्पनाओं का साईज़ छोटा कर लेते हैं। जिससे वे एक जैसे ही हालात में गोल गोल घूमते रहते हैं। जब भी आपको अपनी ज़िन्दगी में कुछ नया और कुछ बड़ा चाहिए तो सबसे पहले आपको वह चीज़ अपनी चेतना में एक कल्पना के रूप में पानी होगी। इस तरीक़े से आप अपने विश्वास के अनुरूप जो चाहे पा सकते हैं।
बहुत जल्दी, 8-9 माह में ही ऐसे हालात बने कि असमा नदीम ने एक प्लाॅट ख़रीद लिया। हुआ यह कि असमा के पिता ने अपनी बेटियों और अपने बेटे के नाम बचपन में ही एक रक़म फ़िक्स्ड डिपाॅज़िट कर दी थी।जिसका पता बच्चों में से किसी को नहीं था। उन्हें किसी ने बताया कि इस्लामी क़ानून के मुताबिक़ फ़िक्स्ड डिपाॅज़िट करके ब्याज लेना जायज़ नहीं है। यह सुनकर उन्होंने अपनी एफ़डी ख़त्म कर दी।असमा को इसका भी पता न चला। उन्हें अपनी नीयत और शरीयत के मुताबिक़ सभी बच्चों को उनके हिस्से की रक़म देनी थी। उन्होंने रक़म की हिफ़ाज़त और फ़ायदे के लिए सभी बच्चों के नाम से ज़मीन ख़रीद ली। उन्होंने असमा और डा. नदीम की पसन्द से एक अच्छी लोकेशन पर एक प्लाॅट की रजिस्ट्री असमा के नाम करवा दी।असमा ने या डा. नदीम ने उनसे मकान के लिए कोई मदद नहीं माँगी थी। उनकी नीयत, गुमान और समर्पण के बाद ख़ुद ऐसे हालात बने कि उनके बिना माँगे उन्हें एक प्लाॅट नेचुरली ख़ुद मिल गया। प्लाॅट मिला तो डा. नदीम हाशमी के लिए इतनी रक़म का बन्दोबस्त दूसरी जगह से हो गया, जिससे उन्होंने उस प्लाॅट पर फ़ौरन ही एक अच्छाऔर बड़ा मकान बनाना शुरू कर दिया। मकान में तामीर अभी चल रही है। एक दिन डा. नदीम हाशमी ने मुझे यह मकान दिखाया तो उन्होंने इसमें कार खड़ी करने की जगह भी दिखाई, जैसे कि नक़्शे में थी। प्लाॅट ख़रीदने और उसे बनाने के ये सब काम ऐसे वक़्त में हुए जबकि डा. नदीम हाशमी केक्लीनिक की आमदनी से ये काम होने नामुमकिन लगते थे। मुझे बहुत ख़ुशी हुई। मैंने उस मकान को बरकत की दुआ दी। अपनी कल्पना में उस मकान के आस पास अच्छे पड़ोसियों के आबाद होने का मन्ज़र भी देखा।
असमा नदीम ने जिस घर में बैठ कर हमसे एक नए घर के लिए कहा था। हमने उस घर को भी अपनी कल्पना में उसी वक़्त क़ानूने क़ुदरत के मुताबिक़ बड़ा देखा था। सन 2017 में डा. नदीम हाशमी के वालिदजनाब मुराद हुसैन हाशमी ने उस मकान में काफ़ी रूपया लगाया। उसके ऊपर एक मन्ज़िल और बना ली। जिससे नीचे के कमरे भी काफ़ी बड़े हो गए। एक दिन जब मैं उनके घर गया। तब उनके वालिद साहब ने मुझसे बहुत ख़ुशी के साथ कहा कि अब आप यहां आना और ख़ूब ठहरना। उन्होंने उस मकान में पत्थर का बहुत अच्छा काम करवाया है। इस घर के हर ज़र्रे में मैंने मुहब्बत महसूस की है। जब भी मैं इस फ़ैमिली से मिलता हूँ, मेरी ख़ुशी में इज़ाफ़ा होता है।मुहब्बत और ख़ुशी का चर्चा मैं बार बार इसलिए कर रहा हूं ताकि आप जान लें कि मुहब्बत और ख़ुशी की ताक़त से ही आपके हालात आपके माफ़िक़ हो सकते हैं।
Asma Nadeem with Dr. Nadeem Hashmi

      इस बीच डा. नदीम हाशमी ने Life Deginn School शुरू कर दिया।जिसे वह असमा नदीम के साथ मिलकर संभालते हैं। उनके पूछने पर स्कूल के लिए नाम मैंने ही सुझाया था। यह काॅन्सेप्ट और सिलेबस के ऐतबार से मुरादाबाद में अपनी तरह का अकेला स्कूल है। तालीम और स्टैन्डर्ड के लिए यह स्कूल पहले दिन से पहचाना जाता है। स्कूल में एडमिशन के लिए पेरेन्ट्स की इतनी भीड़ लगती है कि सीटें बहुत जल्दी पूरी हो जाती हैं और बाक़ी लोगों को मना करना पड़ता है। डा. नदीम हाशमी अपने स्कूल के लिए भी एक ज़्यादा बड़ी बिल्डिंग का इन्तेज़ाम करने की ‘सोच’ रहे हैं।
Asma Nadeem with Dr. Nadeem Hashmi in Life Design School Moradabad India
        इस तेज़ तरक़्क़ी को देख कर एक दो लोगों ने अपने नेगेटिव एटीट्यूड को खुलकर ज़ाहिर किया। जलन और दुश्मनी के जज़्बे में वे जो कर सकते थे, उन्होंने किया। यह भी अपने अन्दर के प्रतिरोध का ही एक रूप होता है, जो बाहर के हालात में ज़ाहिर होता है। डा. नदीम हाशमी और असमा नदीम ने उन्हें भी अपने पाॅज़िटिव एटीट्यूड से पस्त कर दिया।

        असमा नदीम अपनी माइन्ड पाॅवर के ये हैरतअंगेज़ नतीजे देखकर इतनी ज़्यादा जोश में आईं कि उन्होंने व्हाट्स एप पर अपनी रिश्तेदार लड़कियों के लिए एक अलग ग्रुप बना डाला। फिर हमसे बोलीं कि प्लीज़ आप इसमें ‘अल्लाहपैथी’ के नियम सिखाएं ताकि सब लड़कियों का भला हो। हमने इस ग्रुप में भी अदा को शामिल कर दिया और असमा नदीम से कहा कि प्लीज़ आप इस ग्रुप में अपना वह ख़ास तरीक़ा बताएं, जिससे शौहर के बारे में विज़न क्लियर होता है।
---जारी