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Friday, September 13, 2019

लॉ ऑफ अट्रैक्शन पवित्र क़ुरआन की रौशनी में -Dr. Anwer Jamal

रामपुर यू. पी. से मुहम्मद आमिर अंसारी भाई का सवाल: सर मैं अभी सूरह कहफ़ पढ़ रहा था, मेरे सामने उसकी स्टोरी आई, जिसके बाग़ बर्बाद हो गए थे… तो ये जो दो आयतें हैं—
और वह अपने बाग़ में दाखिल हुआ इस हाल में कि वह अपनी जान पर ज़ुल्म कर रहा था, वह बोला मैं गुमान नहीं करता कि यह कभी भी बर्बाद होगा! (18:35)
यहां अबदा का लफ़्ज़ है सर… 
और फिर इसके बाद इसका हश्र इस आयत में बताया गया है—
और उसके फल अज़ाब में घेर लिए गए और उसमें जो उसने खर्च किया था, वह उस पर अपना हाथ मलता रह गया, और वह बाग़ अपनी छतरियों पर गिरा हुआ था और वह कहने लगा ऐ काश, मैं अपने रब के साथ किसी को शरीक न करता. (18:42)

अगर अल्लाह का क़ानून यहां सिर्फ विश्वास पर क़ायम है, और कोई मुशरिक भी पूरे यक़ीन के साथ कुछ करेगा तो लॉ ऑफ अट्रैक्शन के तहत उसको फ़लाह हासिल होनी चाहिए, पर आयत नंबर 35 में उसका मुकम्मल यक़ीन दिखाया है बाग के कभी ना बर्बाद होने पर, लेकिन फिर भी आयत नंबर 42 में उसकी बर्बादी का नज़ारा है, और फिर आयत 44 में बताया है, कि यहां इख्तेयार केवल अल्लाह बरहक़ के हाथ में है…
तो सर मेरा सवाल ये है कि क्या ये आयत लॉ ऑफ अट्रैक्शन के बुनियादी उसूल से टकराती हुई मालूम नहीं होती ? दुआओं पर यक़ीन करना अपनी जगह क़ायम है ईमान वालों के लिए तो, यक़ीन से ही मांगनी चाहिए, क्योंकि वो तो आख़िरी इख्तेयार अल्लाह के हाथ में समझते ही हैं, 
लेकिन अल्लाह के मुनकिर या मुशरिक इस लॉ से कैसे फायदा उठा सकते हैं, क्योंकि दुनियावी क़ानून तो सब को फलाह पहुंचाते हैं, ऐसा ही लॉ ऑफ अट्रैक्शन के बारे में भी तसव्वुर है सबका, कि कोई चाहे अल्लाह को मानने वाला हो या ना हो, पूरा यक़ीन होगा उसे तो कामयाबी हासिल होगी, लेकिन इस आयत में बरबादी दिखाई गई है… इस पर थोड़ी रोशनी डालें सर प्लीज़.
जज़ाक अल्लाह😇


जवाब: यूनिवर्स में जो लॉ काम करते हैं, उन्हें यूनिवर्सल लॉज़ कहते हैं। एक यूनिवर्सल लॉ दूसरे यूनिवर्सल लॉज़ के साथ मिलकर काम करता है। लॉ ऑफ अट्रैक्शन एक यूनिवर्सल लॉ है जो दूसरे यूनिवर्सल लॉज़ के साथ मिलकर काम करता है। अगर आप लॉ ऑफ अट्रैक्शन को समझना शुरू कर रहे हैं तो आपको 12 यूनिवर्सल लॉज़ और 21 सब्लॉज़ की स्टडी करनी होगी। इसके लिए आप नीचे दिए लिंक पर जाकर यह लेख पढ़ सकते हैं:
1 ~ The Law of Divine Oneness
We live in a world where everything and everyone is connected to everything and everyone else.  Every single thing we are doing, saying, thinking and believing effects others around us as well as the universe we are part of.   We are all connected.

2 ~ The Law of Vibration
Everything single thing in our universe moves, vibrates and travels in circular motions.  These very same principles of vibration apply in our physical world through our thoughts, feelings and desires.  Everything has it’s own vibrational frequency from sounds, to things and even our thoughts.  Your vibration will attract like vibrations to you.

3 ~ The Law of Action
To see the Law of Attraction in Action we must take inspired action.  To manifest the things we desire we must engage in actions which support our desires as well as our thoughts, dreams, emotions and words.

4 ~ The Law of Correspondence
As Above, So Below.  Energy, Light, Vibration and Motion all have their corresponding principles.  Everything on the physical plane has a corresponding principle out there in the universe.

5 ~ The Law of Cause & Effect
Nothing ever happens by chance.  We reap what we sow, every action has a reaction and consequence.  What we put out there we get back.  Karma….

6 ~ The Law of Compensation
As for the Law of Cause and Effect what we put out we get back by way of abundance in all area’s.   By helping others and taking positive actions great things will come back into our lives.  We will be compensated for our good deeds, give your heart and soul to everything.

7 ~ The Law of Attraction (My favorite of course 🙂 
What we think about we bring about, our thoughts become things.  All of our thoughts, feelings, words and actions are producing energy which in turn attract like energies and things into our lives.  Negative or Positive like attracts like.    The Law of Attraction is also known as the Law of Love ♥

8  ~ The Law of Perpetual Transmutation of Energy (The What?????)
Simply put, everyone has the ability within them to transform their life.  We can do this by understanding these universal laws and changing our energy.  It’s up to us to do it!

9 ~ The Law of Relativity
Everyone has challenges! We are all given challenges for a reason, opportunities to learn and grow.  These challenges are sent to strengthen our inner light.  The law also wants us to  look at other peoples challenges and problems worse than ours so we can gain perspective.  It’s all relative.

10 ~ The Law of Polarity
Everything has a polar opposite good or bad.   This is the Contrast and Clarity, when you know what you don’t want in turn you know what you do want.  Focus on the Good things you want 🙂

11 ~ The Law of Rhythm
Everything moves and vibrates to certain rhythms.  This can be seasons, cycles, stages of our development and patterns happening in the universe.  We need to stay in flow throughout these rhythms of life.

12 ~ The Law of Gender
Yin & Yang.  Everything and everyone has feminine and masculine principles and energies, this is how creation happens in the universe.  We must all find the balance between the two to master our lives.
🙂

There are also 21 Sub-Laws which relate to the human characteristics we should embody in our lives ~
Aspiration to A Higher Power
Charity
Compassion
Courage
Dedication
Faith
Forgiveness
Generosity
Grace
Honesty
Hope
Joy
Kindness
Leadership
Noninterference
Patience
Praise
Responsibility
Self-Love
Thankfulness
Unconditional Love ♥
लॉ ऑफ अट्रैक्शन इंसान के वुजूद (Being) पर काम करता है। लॉ ऑफ अट्रैक्शन के मुताबिक़ जो वुजूद अपने सोर्स (रब) से कटा हुआ है और अपने सोर्स की अच्छाईयों को प्रकाशित नहीं करता, वह इस यूनिवर्स में वैसे ही सूख जाता है जैसे एक शाखा किसी पेड़ से कटकर सूख जाती है।
जो अपने पैदा करने वाले पर विश्वास नहीं करता और जो शुक्र, दया, दान, नर्मी, आनंद, प्रेम, क्षमा और ख़ुशी से ख़ाली है, जो यूनिवर्सल लॉज़ की हारमोनी में काम नहीं करता, वह इस यूनिवर्स में नहीं फलता।
अब आप पवित्र क़ुरआन की सूरह कहफ़ की उस उपमा पर ध्यान दें जो आयत नंबर 32 से आयत नंबर 44 तक आई है। इसमें आप एक अहंकारी (Egoistic) व्यक्ति को देखेंगे जो अपने रब से कटा हुआ है और अच्छे गुणों से ख़ाली है और वह यूनिवर्सल लॉज़ के खिलाफ़ काम कर रहा है। उसके पास धन और संतान ज़्यादा है लेकिन वे उसकी ज़िंदगी में जिन कारणों से और जिस मक़सद के लिए हाज़िर हुए हैं, वह अहंकारी व्यक्ति उनसे अन्जान है।
दूसरा ज्ञानी व्यक्ति उसे रब के बारे में, उसके क़ानूने क़ुदरत के बारे में और अच्छे गुणों के बारे में ज्ञान देता है तो वह उस व्यक्ति को धन और संतान में अपने से कम होने के कारण तुच्छ जानकर उस ज्ञान को ठुकरा देता है। वह अपने अहंकार और अज्ञान में विनाश के रास्ते पर आगे बढ़ता है और बर्बाद हो जाता है। यही होना था।
मुझे उम्मीद है कि आप अब सब समझ गये होंगे। पवित्र क़ुरआन में दिए गए वाक़यात को समझने के लिए रब के क़ानूने क़ुदरत को समझना ज़रूरी है।

उनके समक्ष एक उपमा प्रस्तुत करो, दो व्यक्ति है। उनमें से एक को हमने अंगूरों के दो बाग़ दिए और उनके चारों ओर हमने खजूरो के वृक्षो की बाड़ लगाई और उन दोनों के बीच हमने खेती-बाड़ी रखी (32) दोनों में से प्रत्येक बाग़ अपने फल लाया और इसमें कोई कमी नहीं की। और उन दोनों के बीच हमने एक नहर भी प्रवाहित कर दी (33) उसे ख़ूब फल और पैदावार प्राप्त हुई। इसपर वह अपने साथी से, जबकि वह उससे बातचीत कर रहा था, कहने लगा, "मैं तुझसे माल और दौलत में बढ़कर हूँ और मुझे जनशक्ति भी अधिक प्राप्त है।" (34) वह अपने हकड में ज़ालिम बनकर बाग़ में प्रविष्ट हुआ। कहने लगा, "मैं ऐसा नहीं समझता कि वह कभी विनष्ट होगा (35) और मैं नहीं समझता कि वह (क़ियामत की) घड़ी कभी आएगी। और यदि मैं वास्तव में अपने रब के पास पलटा भी तो निश्चय ही पलटने की जगह इससे भी उत्तम पाऊँगा।" (36) उसके साथी ने उससे बातचीत करते हुए कहा, "क्या तू उस सत्ता के साथ कुफ़्र करता है जिसने तुझे मिट्टी से, फिर वीर्य से पैदा किया, फिर तुझे एक पूरा आदमी बनाया? (37) लेकिन मेरा रब तो वही अल्लाह है और मैं किसी को अपने रब के साथ साझीदार नहीं बनाता (38) और ऐसा क्यों न हुआ कि जब तूने अपने बाग़ में प्रवेश किया तो कहता, 'जो अल्लाह चाहे, बिना अल्लाह के कोई शक्ति नहीं?' यदि तू देखता है कि मैं धन और संतति में तुझसे कम हूँ, (39) तो आशा है कि मेरा रब मुझे तेरे बाग़ से अच्छा प्रदान करें और तेरे इस बाग़ पर आकाश से कोई क़ुर्क़ी (आपदा) भेज दे। फिर वह साफ़ मैदान होकर रह जाए (40) या उसका पानी बिलकुल नीचे उतर जाए। फिर तू उसे ढूँढ़कर न ला सके।" (41) हुआ भी यही कि उसका सारा फल घिराव में आ गया। उसने उसमें जो कुछ लागत लगाई थी, उसपर वह अपनी हथेलियों को नचाता रह गया. और स्थिति यह थी कि बाग़ अपनी टट्टियों पर हा पड़ा था और वह कह रहा था, "क्या ही अच्छा होता कि मैंने अपने रब के साथ किसी को साझीदार न बनाया होता!" (42) उसका कोई जत्था न हुआ जो उसके और अल्लाह के बीच पड़कर उसकी सहायता करता और न उसे स्वयं बदला लेने की सामर्थ्य प्राप्त थी (43) ऐसे अवसर पर काम बनाने का सारा अधिकार परम सत्य अल्लाह ही को प्राप्त है। वही बदला देने में सबसे अच्छा है और वही अच्छा परिणाम दिखाने की स्पष्ट से भी सर्वोत्तम है (44)
-पवित्र क़ुरआन 18:32-44

रब के करम से हमने इंडिया में दीनी और फ़लाही  (Wellness Work) काम करने वालों को लॉ ऑफ अट्रैक्शन की तरफ तवज्जो दिलाई है। ज़्यादा से ज़्यादा लोग हमसे लॉ ऑफ अट्रैक्शन समझने के लिए संपर्क कर रहे हैं। हम आपके सवाल के लिए आपके शुक्रगुजार हैं क्योंकि आपके सवाल से हमारे जवाब देने का एक ऐसा मौका वुजूद में आया जिससे आपके साथ हजारों लाखों लोग कुछ नया सीख सकते हैं।
दीन-धर्म के प्रचारकों और जन कल्याण के कामों में लगे सभी कार्यकर्ताओं को यह जानना जरूरी है कि उनका माइंड और यह यूनिवर्स कैसे काम करता है और वे अपने गोल को अचीव करने के लिए उनसे अपने हित में कैसे काम ले सकते हैं!

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