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Allahpathy:THE BLESSING MONEY BAG THAT WOULD HELP EVERYONE TO BE RICH IN THE MONTH OF RAMADAN

By Hazrat Hakeem Mohammad Tariq Mahmood Chughtai Dear Readers! I Bring to you precious pearls and do not hide anything, you shou...

Monday, December 19, 2016

First Lesson of Allahpathy By Dr. Anwer Jamal

कल्याण का विधि-विधान
फ़लाह का निज़ाम



अव्वल अल्लाह नूर उपाया क़ुदरत ते सब बन्दे
एक नूर ते सब जग उपज्या कौन भले कौ मन्दे
                  -गुरू नानक साहिब


दोस्तो!  
मैं ‘आज’ ख़ुश हूँ क्योंकि आज आप वह महान ज्ञान सीख रहे हैं। जिसके ज़रिये आप अपनी जि़न्दगी में ख़ुशियाँ और कामयाबियाँ पा सकेंगे, अपना और दूसरों का विकास कर सकेंगे।
इस साईन्टिफि़क जानकारी का इस्तेमाल करके आप अपनी जि़न्दगी में जो काम करना चाहें, कर सकते हैं, आप जो चीज़ पाना चाहें पा सकते हैं, जो बनना चाहें बन सकते हैं।
आप तक कल्याण का यह विधि-विधान सिर्फ़ पहुँचा क्योंकि आप अपने विकास के लिए सही जानकारी और बड़े अवसर की तलाश कर रहे थे।
यह सृष्टि का नियम है कि जो तलाश करता है, वह पा लेता है।
आज क्वांटम फि़जि़क्स और न्यूरो साईन्स की ताज़ा रिसर्च हम सबके सामने हैं। जो इंसान के विचार-भावना और रहस्यमय यनिवर्सल एनर्जी के आपसी रिश्तों और उनके करिश्मों के बारे में अनोखी जानकारी दे रही हैं।
आपको मुबारक हो कि ‘अब’ आप सृष्टि के नियमों का परम गोपनीय ज्ञान पा रहे हैं।
आपके लिए तरक़्क़ी और कामयाबी के अनन्त दरवाज़े खुल रहे हैं।

ये दरवाज़े उनके लिए बन्द रहते हैं, जो पुरानी कड़वी यादों को अपने मन में ताज़ा रखते हैं। इससे उन्हें यह डर बना रहता है कि कहीं भविष्य में भी ऐसी ही बुरी घटना उनके साथ फिर से न हो जाए। इस डर से उनके मन में बुरे कल्पना-चित्र बनते रहते हैं और फिर उनके साथ बार बार वैसी ही बुरी घटनाएं होती रहती हैं, जिनसे वे डरते हैं। वे नेगेटिव एनर्जी के दुष्चक्र में घिर जाते हैं। वे नहीं जानते कि उनका डर और ग़म उनके जीवन में बुरी घटनाओं का कारण है। यहाँ कार्य-कारण का नियम (The Law of Cause & effect) काम कर रहा है।
ईश्वर अल्लाह ने यूनिवर्स में यह महान विधान आपके कल्याण के लिए निश्चित किया है। जिसे न समझने के कारण आप ख़ुद पर ख़ुद ही ज़ुल्म कर रहे हैं, ख़ुद को ख़ुद ही दुख दे रहे हैं।

कष्ट का कारण नाशुक्री है
आप नहीं जानते हैं कि आपके मन की यह शक्ति परमाणु शक्ति से भी ज़्यादा पॉवरफ़ुल है। जब यह ताक़त दुआ बनती है तो यह अर्श को भी हिला देती है। आप अपनी ‘डर और ग़म की आदत’ के कारण अपने मन की प्रचण्ड शक्ति का इस्तेमाल ख़ुद अपने ही खि़लाफ़ कर रहे हैं। 
अपनी मानसिक और शारीरिक शक्तियों से अन्जान रहना या इनका ग़लत इस्तेमाल करना, इनकी नाक़द्री करना है, रब की नाशुक्री करना है।
इसी नाशुक्री की वजह से आपके जीवन में तरह तरह के दुख रूप बदल कर आते रहते हैं। आप तनाव, बीमारियाँ, एक्सीडेन्ट्स, नशे की आदत, जुआ, झगड़े, मुक़द्दमे, क़जऱ्, रूपये-पैसे की तंगी, बेरोज़गारी, व्यापार का ठप्प हो जाना, बारिश न होना, फ़सल कम होना, विवाह न होना या बेमेल विवाह हो जाना, ससुराल में अपमानित और प्रताडि़त रहना, पति या पत्नी से बेवफ़ाई का दुख, औलाद न होने या औलाद के बिगड़ जाने का दुख भोगते हैं और फिर वे निराश हो कर मर जाते हैं।
जैसा कर्म आप करते हैं, उसका फल आप ही भोगते हैं। यह सृष्टि का नियम ;न्दपअमतेंस स्ंूद्ध है।
स्वयं यजस्व स्वयं जुषस्व  
तू ही कर्म कर और तू ही उसका फल भोग। यजुर्वेद 3:15

जो आदमी आपको पुरानी बातें याद दिलाए, जिनसे आपके दिल में नफ़रत और ग़ुस्से की आग भड़के, वह आपको यहीं नर्क की आग में जला रहा है। वह आपका दुश्मन है, वह शैतान का प्यादा है। वह आपकी पॉजि़टिव एनर्जी को चूस रहा है। जीवन के प्रति आपके नज़रिए को बिगाड़ रहा है। आपका नज़रिया ही बिगड़ गया तो आपका पूरा जीवन ख़ुद ही बिगड़ता चला जाएगा। आपका नज़रिया ही आपके जीवन में साकार होता है।
इन्हें आप इनके कर्मों से पहचान सकते हैं। ये नफ़रत में जीते हैं और नफ़रत ही फैलाते हैं कि अमुक व्यक्ति, जाति या संगठन आपको भविष्य में बर्बाद कर देगा। हक़ीक़त यह है कि यह आदमी आपके दिल में डर और चिन्ता पैदा करके आपके चैन को आज और अभी बर्बाद कर रहा है। अब आप ऐसे लोगों को पहचान कर इनके कुसंग से बचें।

ज्ञान-कर्म-भक्ति
जो कल्याण का विधि-विधान नहीं जानता, वह अज्ञानी प्रेम और सेवा के बिना भक्ति, योग और इबादत करता है। उसे फल क्या मिलेगा?

अल्लाह के पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल0) ने फ़रमाया, ‘‘कि़यामत (अर्थात् बदले) के दिन अल्लाह एक आदमी से कहेगा, ‘‘ऐ आदम के बेटे, मैं बीमार था तू मेरा हाल मालूम करने के लिए नहीं आया।’’ 
वह कहेगा, ‘‘ऐ मेरे रब! मैं तेरी बीमारपुर्सी को कैसे आता ? तू तो सारी दुनिया का पालनहार है (बीमार होना तो तेरी शान के खि़लाफ़ है)‘ 
अल्लाह कहेगा, ‘क्या तुझे नहीं पता था कि मेरा अमुक बन्दा बीमार पड़ा था ? मगर तू उसका हाल पूछने नहीं गया था।  क्या तुझे मालूम नहीं था कि अगर तू उसका हाल मालूम करने जाता तो मुझे उस (बीमार) के पास पाता ? 
ऐ आदम के बेटे, मैंने तुझसे खाना माँगा, तूने मुझे नहीं खिलाया।’
बन्दा कहेगा, ‘ऐ मेरे रब! मैं तुझे कैसे खिला सकता हूँ, जबकि तू सारे जहान का पालनहार है?’ 
अल्लाह कहेगा, ‘तुझे पता नहीं कि मेरे अमुक बन्दे ने तुझसें खाना माँगा था, मगर  तूने उसे नहीं खिलाया, अगर तू उसे खिलाता तो उस समय मुझे उसके पास पाता।  ऐ आदम के बेटे, मैंने तुझसे पानी माँगा, तूने मुझे पानी नहीं पिलाया।’ 
बन्दा कहेगा, ‘ऐ मेरे रब! मैं तुझे कैसे पिला सकता हूँ? तू तो सारे जहान का पालनहार है। ‘ अल्लाह कहेगा, ‘तुझसे मेरे अमुक बन्दे ने पानी माँगा था, तूने उसे पानी नहीं पिलाया, याद रख, अगर तूने उसे पानी पिलाया होता तो मुझे उस  समय उसके पास पाता।’’ (हदीसः मुस्लिम)

मन को ग़ुलामी से आज़ाद कीजिए
मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि बचपन से ही आपके मन को जकड़ कर आपको ग़ुलाम बनाया जा चुका है। ग़ुलामी की ये बेडि़याँ आँखों से नज़र नहीं आतीं। ये बेडि़याँ संकीर्ण धारणाओं (Limiting Beliefs) की होती हैं जैसे कि

1. ज़माना ख़राब है।   
2. जीवन एक संघर्ष है।  
3. जि़न्दगी का कोई भरोसा नहीं है।
4. मैं सुन्दर/योग्य/स्मार्ट/शिक्षित/कुशल नहीं हूँ। 
5. किसी को मेरी परवाह नहीं है।
6. मेरा दिल टूटा हुआ है या मेरा जिगर छलनी है। 
7. इस जीने से तो मर जाना अच्छा है।
8. मेरी नाक कट गई है या मैं किसी को मुँह दिखाने के लायक़ नहीं बचा/बची।
9. मैं दुखी/परेशान हूँ। 10. मैं ग़रीब/मध्यमवर्गीय हूँ। 11. मेरी तक़दीर ही ख़राब है।

आपके माँ-बाप, गुरू, शिक्षक और स्कूल के सिलेबस आपकी नेगेटिव माईन्ड प्रोग्रामिंग कर चुके हैं। हर तरफ़ से आपके माईन्ड में डर और ग़म के नेगेटिव ख़याल और जज़्बात की कंडिशनिंग की जा रही है। अख़बार, न्यूज़ चैनल्स, टी.वी. सीरियल्स, सिनेमा, खेल और मनोरंजन के साधन तक आपके शाकिलह (Paradigm) को जान बूझ कर लगातार बाँधते जा रहे हैं। 

आपका शाकिलह (Paradigm) ही आपकी जि़न्दगी का ब्लू-प्रिन्ट है। इसी के मुताबिक़ आप व्यवहार करते हैं। जब यह शाकिलह (Paradigm) संकीर्ण विचारों के बन्धन में बंध जाता है तो आपका विकास रूक जाता है और आपके जीवन में तरह तरह की समस्याएं अपने आप जन्म लेने लगती हैं। यही ग़ुलामी आपको दुख दे रही है। 
आप इस मानसिक दासता से मुक्त होकर सुखी और समृद्ध हो सकते हैं। अगर आप तैयार हैं तो इससे मुक्त होने की सबसे ज़्यादा शक्तिशाली और आसान वैज्ञानिक तकनीक हम आपको  सिखाएंगे। 
ईश्वर की सबसे बड़ी आज्ञा यही है कि मनुष्य अपने कल्याण के लिए कर्म करे। हरेक मनुष्य का यही परम कर्तव्य है। इसी कर्म से उसका कल्याण होगा।

धरती के बासियों की मुक्ति प्रीत में है
‘हमारा प्रभु परमेश्वर एक ही प्रभु है. और तू अपने प्रभु परमेश्वर से अपने सारे मन से और सारे प्राण से और अपनी सारी बुद्धि से और अपनी सारी शक्ति से परमेश्वर से प्रेम रखना। और दूसरी यह है कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना, इससे बड़ी कोई और आज्ञा नहीं है।’ -बाइबिल, मरकुस 12:30-31
प्रेम आपको मुक्त करेगा, ग़ुलामी की हरेक बेड़ी और शिकंजे से।
प्रेम आपको मुक्त करेगा भविष्य के प्रति डर से, अतीत के ग़म से, शक से और नेगेटिविटी से।
प्रेम आपके मन को निर्मल करेगा, पाक करेगा।
प्रेम आपको आनन्द देगा, ख़ुशी से भर देगा। 
...और आपको यह सब तुरन्त मिलेगा, इसी पल में। बस आप अपने दिल को सिर्फ़ प्रेम के विचारों से पूरी तरह भर लीजिए, यहाँ तक कि वह आपके व्यवहार में परोपकार और सेवा के रूप में छलकने लगे।
शक्ति भी शाँति भी भक्तों के गीत में है
धरती के बासियों की मुक्ति प्रीत में है

‘मुक्ति का पल’ यही वर्तमान पल है, जिसमें आप साँस ले रहे हैं। जिसमें आप पढ़ रहे हैं। जिसमें आप जीवन का सबसे बड़ा नियम सीख रहे हैं।
बस इस एक पल को आप अतीत के दुखों की यादों से और भविष्य के प्रति हरेक डर से आज़ाद रखें। आप मुस्कुराएं, आप बच्चों की तरह ख़ुश रहने की आदत डाल लें। आप ध्यान दीजिए कि ख़ुश रहने के लिए गोद के बच्चे किसी वजह की तलाश नहीं करते।
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय।
ढाई आखर प्रेम के पढ़े सो ज्ञानी होय।।


जो आप बोते हैं, वही काटते हैं
आकर्षण के नियम (The Law of Attractio) के अनुसार जैसा आपका शाकिलह (Paradigm) होता है, वैसी ही तरंगे आपसे हमेशा निकलती रहती हैं और फिर आपका अवचेतन मन वैसे ही लोगों, अवसरों और घटनाओं को जीवन में सहज ही आकर्षित करता रहता है। पॉजि़टिव या नेगेटिव, जैसी आपकी मानसिकता होती है। चेतन रूप से भी आप उन लोगों, अवसरों और घटनाओं का वैसा ही पॉजि़टिव या नेगेटिव इस्तेमाल करते हैं। जैसे आप कर्म करते हैं, वैसे ही आप फल पाते हैं।

आपके विचारों में बहुत ज़बर्दस्त चुम्बकीय शक्ति है। आकर्षण का नियम इस यूनिवर्स का  सबसे शक्तिशाली नियम है। यह नियम पक्षपात नहीं करता। चुनाव आपका अपना होता है। आपको ‘चुनाव की आज़ादी की शक्ति’ हासिल है। आपका चुनाव ही आपको बनाता और बिगाड़ता है। अक्सर लोग अपनी इस शक्ति से अन्जान हैं। आप जागरूक बनें और हमेशा अच्छे विचारों को चुनें।
प्रेम के विचार अच्छे बीज हैं, जो दिल में पनपते हैं तो दिल को बाग़-बाग़ कर देते हैं और कुछ समय गुज़रने पर वे अच्छे फल देते हैं। जिनसे जीवन में सुख-समृद्धि और ख़ुशी मिलती है, जिनसे कल्याण होता है।
अल्लाह के पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल0) ने फ़रमाया ‘‘सारी दुनिया अल्लाह का परिवार है।  अल्लाह को सबसे अधिक प्रिय वह आदमी है जो उसके बन्दों से अच्छा व्यवहार करता है।‘‘         (हदीसः मिशकात)
आप विचार, कर्म और फल के प्राकृतिक नियम को जितना ज़्यादा समझते जाएँगे, आप उतना ज़्यादा दूसरों के साथ प्रेम और सेवा का वही व्यवहार करेंगे जो कि आप दूसरों से अपने लिए चाहते हैं। 

अब आप जान चुके हैं कि आप जो अच्छा बर्ताव एक जगह दूसरों के साथ करते हैं, वही बर्ताव किसी और जगह आपके साथ दूसरे ख़ुद ही करते हैं। इस तरह आप प्राकृतिक विधान के अनुसार अपने कर्मों का फल पाते रहते हैं।

सुख-दुख का विधान
‘और जब तुम्हारे रब ने (सुख-दुख का) विधान यह बताया था कि अगर तुम शुक्र करोगे तो मैं ज़रूर तुम्हें ज़्यादा (नेमतें) दूंगा और अगर तुम नाशुक्री करोगे तो मेरा अज़ाब (कष्ट) भी सख़्त है।’ -क़ुरआन 14ः7
आप ‘मौजूदा पल’ में अपने रब की मेहरबानियों को देखिए। उसकी नेमतोें को देखिए, जो आपको मानसिक और शारीरिक शक्तियों के रूप में और अन्य रूपों में मिली हुई हैं। उनकी क़द्र कीजिए यानि उनका सही इस्तेमाल कीजिए। आपका कल्याण निश्चित है।


शुक्र के ज़रिये अपनी शक्ति को बढ़ाते जाएं
‘शुक्र की विधि’ से आपको जि़न्दगी के हर पहलू में ज़्यादा नेमतें मिलेंगी। आप जिस नेमत पर रब का शुक्र करेंगे, वह बढ़ती चली जाएगी। आप आपनी ताक़त पर शुक्र करेंगे तो वह बढ़ जाएगी। आप अपनी औलाद पर रब का शुक्र करेंगे तो वह सलामत रहेगी और बढ़ती चली जाएगी। आप अपने माल पर शुक्र करेंगे तो वह बढ़ जाएगा। आप अपने ज्ञान पर शुक्र करेंगे तो आपका ज्ञान बढ़ जाएगा। आप अपनी तरक़्क़ी पर शुक्र करेंगे तो आप और ज़्यादा तरक़्क़ी करेंगे। आप प्रेम पर शुक्र करेंगे तो आपके दिल में ईश्वर का प्रेम बढ़ेगा।
प्रेम आपकी शक्ति है। भक्ति की आत्मा और इबादत की रूह यही प्रेम है। अपने दिल में उस एक अनन्त कृपावान दाता विधाता के प्रेम को हर पल महसूस कीजिए। इस ‘प्रेम-चेतना’ से आपकी मानसिक शक्ति बहुत ज़्यादा बढ़ती चली जाएगी।  
‘वह’ हमारे साथ है
इस ‘प्रेम-चेतना’ से आप उस एक अजन्मे परमेश्वर को अपने साथ महसूस करेंगे। जो आप पर अन्दर और बाहर हमेशा अनन्त कृपाएं करता रहता है। अब आप उससे अपने जिस काम में मदद माँगेंगे तो आपको उसकी मदद मिलेगी। वह उन शुक्रगुज़ार बन्दों की पुकार को ज़रूर सुनता है, जो उसके गुणों की तारीफ़ करते हैं और उससे सबके कल्याण की दुआ-प्रार्थना करते हैं।

सभी ऋषि और देवता, नबी और फ़रिश्ते उसी से माँगते और पाते आए हैं। सब उसी के नियमों के अधीन हैं। उस एक सर्वशक्तिमान मालिक के अपने साथ होने के विश्वास से आपको ख़ुशी मिलेगी। 
यह ख़ुशी आपको हरेक डर और ग़म से मुक्ति देगी। अब आपके मन में बुरे कल्पना-चित्रों की जगह अच्छे कल्पना-चित्र बनेंगे, जो कि दिमाग़ की भाषा का बहुत अहम हिस्सा हैं।
न्यूरो-लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग के अनुसार आप अपने विश्वास, भावना और कल्पना-चित्रों को अच्छा बना कर अपना कल्याण कर सकते हैं। 

इस आधुनिक तकनीक को जानने के बाद आप अपनी और अपने समाज की भलाई में किसी काम इरादा करेंगे तो वह काम अपेक्षाकृत आसानी से हो जाएगा। आपकी हर जायज़ मुराद ज़रूर पूरी होगी।
हम सभी सत्पुरूषों में और नबियों में आस्था रखते हैं। हम उन सबके शुक्रगुज़ार हैं, जिन्होंने हमें लोक परलोक में कल्याण पाने की विधि सिखाई। कल तक उनकी विधि केवल धर्म की बात मानी जाती थी लेकिन आज वह साईन्स की तकनीक के रूप में विकसित देशों में पढ़ाई जा रही है।

होमवर्कः पहला कल्याणकारी पाठ
आज मॉडर्न सायकॉलोजी के स्कॉलर यह बता रहे हैं कि हम प्रेम और सेवा को अपना नज़रिया बना कर अपनी जि़न्दगी में ख़ुशहाली और कामयाबी पा सकते हैं। आप जीते जी ही स्वर्ग के आनन्द को अपने दिल में महसूस कर सकते हैं क्योंकि आनन्द और ख़ुशी एक मनोदशा (State of Mind) है। जिसे आप बाहर तलाश कर रहे हैं, वह आपके ही अन्दर है।

सबसे पहला और बुनियादी पाठ यही है। इसका आपको अभ्यास रोज़ करना है। रोज़ सुबह आँख खोलते ही यह संकल्प 3 बार दोहराएं कि 
‘मैं शुक्रगुज़ार हूँ क्योंकि वह सर्वशक्तिमान मेरे साथ है, जो मुझ पर बहुत मेहरबान है। मैं उसी की मदद से प्रेम और सेवा के काम करता हूँ। मैं ख़ुश हूँ। शुक्रिया, शुक्रिया, शुक्रिया!’ 
आप दिन में बार बार अपने मन को चेक करते रहें कि मेरे मन में प्रेम और सेवा का भाव है या उसकी जगह शिकायत और नाराज़गी ने या डिप्रेशन ने ले ली है।
Self Talk को चेक करते रहें। प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक Haleh Banani का वह वीडियो इन्टरनेट पर मौजूद है जिसमें उन्होंने बताया है कि एक आदमी एक मिनट में 500 शब्द सोचता है, जिनमें 85 प्रतिशत नेगेटिव होते हैं। शुक्र के बोल मन में बार बार दोहरा कर आप इसे पॉजि़टिव बना सकते हैं। 
Attitude of Grattitude के फ़ायदों के बारे में इन्टरनेट पर ख़ुद भी पढ़ें और उन्हें अपनी डायरी में नोट करते रहें। आपके जीवन में चमत्कार होने लगेंगे।
आप दिन में भी बीच बीच में 3-3 बार यह संकल्प दोहराते रहें।
रात को सोते समय भी ईश्वर अल्लाह का शुक्र करें कि आज आपने उसकी अनमोल नेमतों से फ़ायदा उठाया और अच्छे काम करते हुए एक अच्छा दिन बिताया है। शुक्रगुज़ारी का एटीट्यूड अपनाएं।
इसी के साथ यह भी बहुत ज़रूरी है कि जिन लोगों ने आपके साथ कुछ बुरा किया हो, जिनसे आपको शिकायत हो, उन्हें आप रोज़ रात को सोते समय क्षमा कर दें, माफ़ कर दें। इससे आपके मन की गाँठें घुल जाएंगी। आपके मन के रोग दूर हो जाएंगे। इन से ही आपके तन में गाँठें बनती हैं और दर्द होता है।
वैज्ञानिकों ने अपनी ताज़ा रिसर्च में पाया है कि दबे हुए ग़ुस्से, नाराज़गी और डर से हॉर्मोन्स का बेलेन्स बिगड़ता है। ख़ून में ैजतमेे भ्वतउवदम का लेवल बढ़ जाता है। ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है। इम्यून सिस्टम ठप्प हो जाता है। नर्वस सिस्टम ‘फ़ाईट और फ़्लाइट  मोड’ में चला जाता है। शरीर की कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों का पोषण और उत्सर्जन ठीक से नहीं हो पाता। इससे कैंसर जैसी घातक बीमारियाँ होती हैं। माफ़ी के अमल से आप इन जानलेवा बीमारियों की जड़ को ही काट डालते हैं। 
मोटापा, थायरॉइड, डायबिटीज़, एलर्जी, अस्थमा, माइग्रेन, ट्यूमर और गंजापन आदि आपकी सारी बीमारियों की असल जड़ आपके पैराडाइम में, आपके अवचेतन मन में है।

कोई आप से माफ़ी माँगे या न माँगे लेकिन आप अपने कल्याण, अपनी फ़लाह के लिए माफ़ी को अपनी आादत बना लें। पुरानी कड़वी यादों को दिल से मिटा दें। इससे आपके मन से भविष्य में अपने साथ कुछ बुरा होने का डर भी निकल जाएगा। माफ़ करने का फ़ायदा आपको ही मिलेगा। 
जो व्यक्ति आपसे अपने दिल में नफ़रत रखता है, उसकी नफ़रत उसे ही खा रही है लेकिन वह जानता नहीं है। उसकी नेगेटिव एनर्जी का बुरा असर उसी की सन्तान, सेहत और आय को खा रही है। वह समझता है कि किसी ने उस पर जादू करवा दिया है या उसके ग्रह ख़राब चल रहे हैं। हक़ीक़त यह है कि वह ख़ुद ही ख़राब चल रहा है। जो कोई ज़्यादा जानना चाहे, इन्टरनेट पर इस बारे में मौजूद किताबों और लेखों को पढ़ सकता है

प्रतिरोध (Resistence) से रहें होशियार
आप किसी विचार और कर्म को बार बार दोहराते हैं तो वह आपकी आदत बन जाती है। पुरानी आदत को बदलना हो तो नई आदतें विकसित करनी पड़ती हैं। जब आप अपने अन्दर अच्छी और नई आदतें बनाना शुरू करेंगे तो आपका अवचेतन मन (Subconscious mind) प्रतिरोध करेगा। पुरानी आदत के मुताबिक़ आपके मन में बार बार ग़ुस्सा, डर, चिन्ता, शक, डिप्रेशन और नेगेटिविटी की भावना पलट कर आएगी।
ऐसा सबके साथ होता है। यह नेचुरल है। इससे डरना या घबराना नहीं है। आप समझ लें कि ‘कार्य प्रगति पर’ है। पुरानी आदतें कुछ समय तक ज़ोर मारेंगी। उनसे लड़ना नहीं है और न ही उनकी तरफ़ ध्यान देना है। वे ख़ुद ही समय के साथ मिटती चली जाएंगी। 
बस आप अपने संकल्प को दोहराते रहें और मुस्कुराते हुए ख़ुशी के साथ प्रेम और सेवा करते रहें। आप अपने अभ्यास को लगातार करते रहें।


आप डटे रहें, कामयाबी निश्चित है
इस तरीक़े से करोड़ों लोगों को कामयाबी मिली है। उनके शादी-ब्याह हुए हैं, उनके घरों में झगड़े बन्द हुए हैं, तलाक़ होने से बची है, उन्हें रोज़गार मिले हैं, उन्हें विदेश यात्राओं के अवसर मिले हैं, उनके कारोबार में मुनाफ़ा बढ़ा है, ग़रीबों को दौलत मिली है, सड़क के किनारे सोने वालों को और किराए के मकान में रहने वालों को आलीशान कोठियाँ और कारें मिली हैं, बाँझ औरतों और कमी वाले मर्दों को औलाद की ख़ुशी मिली है, बीमारों को सेहत, दुखियों को ख़ुशियाँ मिली हैं।

https://www.2knowmyself.com/directory जैसी इन्टरनेट पर Wellness Sciences की सैकड़ों वेबसाईट्स हैं, जहाँ ये गवाहियाँ और सुबूतReal Stories के नाम से पढ़ी जा सकती हैं।
आप भी अपने सपने साकार कर सकते हैं। आप भी एक भरपूर और ख़ुशहाल जि़न्दगी जी सकते हैं। अब यह मुमकिन है।
हम आपको सिखा रहे हैं दिल और दिमाग़ की भाषा (TN-NLP)
आज ‘वेलनेस साईन्सेज़’ के नियमों को दुनिया भर में सीखा और सिखाया जा रहा है। मैंने अपनी 30 साल की रिसर्च में पाया है कि ये नियम तिब्बे नबवी में सदियों से दर्ज हैं। मैं ख़ुशनसीब हूँ कि मैंने ज़िन्दगी को हसीन, आसान और कामयाब बनाने वाले नियमों को जमा किया और उसे Allahpathy का नाम दिया। हमने लोगों को इन नियमों को सिखाना शुरू किया। उन्होंने इन्हें थोड़ा थोड़ा करके सीखा, समझा और इनकी प्रैक्टिस की। उनकी ज़िन्दगियों में ख़ुशी और खुशहाली आयी.
मल्टीनेशनल कम्पनियाँ इनसे लाभ उठाने के लिए करोड़ों डॉलर ख़र्च कर रही हैं। अरबों-खरबों डॉलर कमा रही हैं।

Neuro Linguistic Programming के एक वेलनेस कोच दो दिन में 16 घंटे के सेशन के 80,000 डॉलर लेते हैं। जो कि इन्डियन करेन्सी में 56,00,000/- रूपये होते हैं। हम छप्पन लाख रूपये का यह सेशन आपको बहुत कम फ़ीस पर कराएंगे।
इस क़ीमती वेलनेस कोर्स को करने का पात्र वह व्यक्ति माना जाएगा जो कि यह तीन काम कर लेगा-
1. जो रोज़ इस पहले पाठ को अच्छी तरह पढ़ता रहे ताकि याद हो जाए और किसी को बताना हो तो ज़ुबानी बता सके। इसकी ख़ूब अच्छी तरह प्रैक्टिस कर ले।
2. अपने मिलने वालों से यह स्प्रिच्युअल साईन्टिफि़क नॉलेज शेयर करे, उन्हें कल्याण के विधि विधान की जानकारी दे।
3. इसे छपवाकर, फ़ोटो स्टेट करवाकर या हमसे मंगवा कर कम से कम 100 लोगों तक उनकी भलाई की नीयत से पहुंचाए और उन्हें भी यह पाठ ज़ुबानी याद करवा दें ताकि वे भी इसका अभ्यास कर सकें। फिर उनके नाम, पते, एजुकेशन, उनकी रूचि, ईमेल एड्रेस, व्हाट्सएप्प नम्बर और मोबाईल नम्बर जमा करके हमारे वेलनेस सेन्टर के पते पर भेजें। हमारी तरफ़ से उन्हें समय समय पर कल्याणकारी जानकारी मुफ़्त भेजी जाएगी।
इस कल्याणकारी ज्ञान को हरेक आदमी हरेक भाषा में बिना काट-छाँट किए प्रकाशित करके वितरित कर सकता है। 
ये तीन काम करके आप अपनी ऊर्जा के पैटर्न में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। जो आपके लिए शुभ और मुबारक होगा। जब आप दूसरों के कल्याण की नीयत से उन्हें अच्छी बातों का ज्ञान देते हैं तो आप कल्याणकारी कर्म करते हैं। जब आपका यह कर्म पलटकर आपकी तरफ़ आएगा तो अच्छे फल के रूप में आएगा और इस तरह निश्चित रूप से आपका कल्याण ही होगा। आपके अटके हुए या बिगड़े हुए काम बन जाएंगे। आपको विकास के नए अवसर मिलेंगे।

इसके बाद अब आप हमारा क़ीमती वेलनेस कोर्स करने के अधिकारी बन जाते हैं। वेलनेस कोर्स के लिए आप अपना नाम, पता, मोबाईल नम्बर, व्हाट्सएप्प नम्बर, ईमेल, आयु, लिंग, एजुकेशन, अनुभव और लक्ष्य आदि लिखकर हमें अब दे सकते हैं या बाद में हमें व्हाट्सएप्प या ईमेल कर सकते हैं.
मोबाईल नम्बरः 07828366485, 09760695571
ईमेलः
allahpathy@gmail.com
आप इस वेलनेस कोर्स को करने के बाद वेलनस कोच, लाईफ़ कोच, सक्सेस कोच और मैरिज काउन्सलर बन सकते हैं। इसके ज़रिए आप जनसेवा कर सकते हैं। इसे आप अपने करिअर के रूप में भी अपना सकते हैं। अपनी सेवा के बदले आप फ़ीस भी ले सकते हैं। हमारी संस्था आपको प्रशिक्षण के बाद सर्टिफि़केट भी देगी।
इसी के साथ Paradigm Healing Drench, पुलिस लाईन्स के गेट के पास, बुलन्दशहर, उ.प्र. भारत’ की तरफ़ से एक हेल्पलाईन नम्बर की सेवा भी आपके लिए है। आपमें से कोई भी बहन या भाई या बच्चा या कोई बुज़ुर्ग अपने जीवन में दुख, निराशा, तनाव या कोई प्रॉब्लम महसूस कर रहा हो तो वह हमें कॉल कर सकता है। अपने कल्याण के लिए सही सलाह और मार्गदर्शन या किसी भी समस्या का समाधान पा सकता है।
अगर आपका बच्चा टी.वी., मोबाईल या वीडियो गेम की लत की वजह से अपनी पढ़ाई नहीं करता है या उसका व्यवहार बिगड़ गया है या वह बुरी संगत में पड़कर नशे का आदी बन गया है या वह सब कुछ ठीक होते हुए भी वे अपनी पढ़ाई में पिछड़े हुआ है या उसकी मेमोरी कमज़ोर है या उसके शरीर का विकास ठीक से नहीं हो रहा है या उसे कोई अन्य बुरी आदत पड़ गई है तो उसके ‘पेराडाइम’ की हीलिंग करके उसे सुधारा जा सकता है।
आप दुआ के लिए भी अपना नाम और अपनी समस्या लिखवा सकते हैं। 
जो बीमार बहन भाई आर्थिक कारण से अपना इलाज न करा पा रहे हों, उन्हें इलाज में भी यथासम्भव मदद दी जाती है। अस्थमा, कैन्सर, लिवर व पेट रोग या गुर्दा फ़ेल होने पर डायलिसिस कराने वाले मरीज़ों के गुर्दों का सफल इलाज करने वाले डॉक्टर्स की जानकारी बिल्कुल मुफ़्त दी जाती है।

हेल्प लाईन नम्बरः 07828366485
समयः केवल सुबह 11 बजे से 12 बजे दोपहर तक व शाम 4ः00 बजे से 5ः00 बजे तक
‘आर्याना ब्यूटी सेन्टर, बुलन्दशहर’ के माध्यम से स्किन, हेयर, फि़टनेस के साथ सभी सौन्दर्य समस्याओं के बारे में सलाह भी बिल्कुल मुफ़्त दी जाती है।

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इसके अलावा जनकल्याण के लिए हमारी वेलफ़ेयर सोसायटी की ओर से सबके लिए एक वेलनेस क्लास का आयोजन हरेक महीने के पहले इतवार को किया जाता है। यह क्लास पूरी तरह निःशुल्क है। किसी को साथ लाना चाहें तो उसे साथ भी ला सकते हैं। माता-बहनों के लिए उचित व्यवस्था रखी जाती है। ऊपर दिए गए तीन काम पूरे न किए हों तो भी आप इस क्लास में शामिल हो सकते हैं। 

हमारी नीयत है कि आपका कल्याण हो, आपका भला हो। इसीलिए हमने वेलनेस के इस महान ज्ञान की होम डिलीवरी का यह अभियान शुरू किया है।
हमें ख़ुशी है कि हमें हर तरफ़ से आप सबका प्रेम और सहयोग मिल रहा है। हम आपकी सेवा के लिए सदैव तत्पर हैं।

2 comments:

  1. डॉक्टर साहब बहोत बेहतरीन ज्ञान वर्धक पोस्ट है जीवन के लिए बहोत ही लाभदायक है शुक्रिया जज़ाकल्लाह

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