Friday, April 3, 2020

तनाव का मानसिक इलाज है ख़ुश होना। सीखें खुश होने और ख़ुश रहने की यह असरदार तकनीक। DR. ANWER JAMAL

मीर मुश्ताक़- सर....आपके विचार जानकर मुझे नई ऊर्जा मिली है।
ऐसी स्थिति में‌ मैं थोड़ा तनावग्रस्त सा हो जाता हूं। मुझे कुछ टिप्स दें ताकि मैं अपने आपको संतुलित रख सकूं।
जवाब- हदीसे पाक में तालीमे नबवी है:
मूतू क़ब्ला अन् तमूतू
यानी मर जाओ इससे पहले कि मौत आए।
इस तालीम में बहुत गहराईयाँ हैं और जिसकी अक़्ल जितनी गहरी है। वह इस हदीस को उतनी ही गहराई से समझेगा।
एक आम आलिम भी इस हदीस से इतना ज़रूर समझ लेगा कि जब कोई गुनाह करने का वक़्त आए तो आप मरे हुए बन जाएं यानि उसे न करें।
या ऐसा ही कुछ दूसरा मफ़्हूम जिससे इंसान गुनाह और ज़ुल्म से बच जाए।
सायकोलॉजी का इल्म रखने वाले इसे और गहराई से समझ सकते हैं कि जब इंसान ख़ुद को मरा हुआ मान लेता है तो वह कितना पीसफ़ुल हो जाता है।
अगर आप इतना भी कर लें कि जब आप ज़्यादा तनाव में आ जाएं तो थोड़ी देर के लिए दुनिया से मर जाएं और जन्नत में चले जाएं तो भी आपका तनाव दूर हो जाएगा।
ज़िक्र की मज्लिसें जन्नत के बाग़ हैं। मस्जिद जन्नत का बाग़ है।
आप वहाँ जाकर दो रकअत नमाज़ तहय्यतुल मस्जिद अदा करें और फिर चाहे कुछ ज़िक्र करें या न करें लेकिन एतिकाफ़ की नीयत से थोड़ी देर वहाँ बैठ जाएं और कोई टोकने वाला न हो तो लेट जाएं और कुछ देर तक हिलें डुलें नहीं।
अब इस बात पर ध्यान दें कि आप मर चुके हैं और आपके बिना दुनिया लगातार चल रही है। दुनिया पर आपकी मौत से कुछ अंतर नहीं पड़ा। सो दुनिया में जो चल रहा है, आप भी अपने दिल में उसका असर इतना न लें कि डिप्रेशन के मरीज़ बन जाएं।
आप चाहें तो आप इस दिव्य ज्ञान से भी काम चला सकते हैं और जब आप उठकर दुनिया में आएं तो यह ज़रूर याद रखें कि आप मर चुके थे और अब यह एक नई ज़िंदगी है। इसे पहले से बेहतर जिएं, ज़्यादा शुक्रगुज़ार बनें। जिन्हें गले नहीं लगाया, उन्हें गले लगाएं। जिन्हें तोहफ़ा देना चाहिए और नहीं दिया, आप उन्हें तोहफ़ा दें। इससे आपको ख़ुशी मिलेगी और आप पर कभी तनाव हावी न होगा। रोज़ अपने प्यारों को गले लगाएं।
🌹😊🌹 
इसी शुऊरे मौत को और ज़्यादा मुफ़ीद बनाना भी मुमकिन है।
आप मान चुके हैं कि आप मरे हुए हैं और आपको आपके रब ने केवल इसलिए बख़्श दिया है कि आप तौहीद को मानते थे, शिर्क से बचते थे, दो बहनों या बेटियों को आपने अच्छी तालीम दी है। अपने माँ बाप को राज़ी रखा है और यह कि आपको अपने रब से यह गुमान था कि आप चाहे जैसे हैं लेकिन आपका रब अच्छा है और वह आपको ज़रूर माफ़ करेगा और जन्नत में दाख़िल करेगा जहाँ आप अपनी पसंद के काम करेंगे।
अल्हम्दुलिल्लाह, ऐसा ही हुआ और आपको आपके रब ने जन्नत में, बाग़ में दाख़िल कर दिया है।
अब आप वहाँ अपनी पसंद के काम करें। जो भी आपको अच्छा लगे, आप वह काम करें।
जब इंसान अपनी पसंद का काम करता है, तो उसे ख़ुशी मिलती है। वह ख़ुशी हर तनाव को मिटा देती है। ख़ुशी सरासर एक ज़हनी चीज़ है और यह इंसान के ज़हन में हमेशा रहती है, जिसे इंसान रिकग्नाईज़ नहीं करता। तनाव एक बीमारी है तो ख़ुशी उसकी दवा है‌। तनाव आपके अंदर है और उसकी दवा भी अपके अंदर ही है।
यह एक इंपोर्टेंट बात है। आप इसे समझ लेंगे तो आप अपना इलाज ख़ुद कर पाएंगे, इन् शा अल्लाह!
मौत आने से पहले मरकर शांति पाने के ये दो मानसिक प्रयोग हम बता चुके हैं। इसके और गहरे प्रयोग भी हैं। जिनसे आप अपने जीवन को सही दिशा दे सकते हैं। आप जानना चाहेंगे और हमारे पास वक़्त हुआ तो  हम उन्हें भी बयान कर देंगे,
इन् शा अल्लाह!

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